महिलाओं का हक: 2100 रुपये और 500 रुपये का सिलेंडर कब होगा हकीकत?

Selja

अखिल भारतीय कांग्रेस की महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा (Selja ) ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि वह महिलाओं के साथ लगातार वादे तोड़ रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले भी झूठ बोलकर सत्ता हासिल की थी और अब फिर से वही खेल खेल रही है।

उन्होंने सवाल उठाया कि महिलाओं को 2100 रुपये प्रति माह कब दिए जाएंगे

और 500 रुपये का गैस सिलेंडर कब रसोईघर में पहुंचेगा।

Selja : भाजपा एक जुमलेबाज पार्टी

सैलजा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “भाजपा एक जुमलेबाज पार्टी है।

उनके नेता, नीयत और नीति सब झूठ पर आधारित हैं।

चुनावों में झूठे वादे करना भाजपा की पहचान बन चुकी है।

” उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में लाडो लक्ष्मी योजना का जिक्र करते हुए 18 से 60 साल की 78 लाख महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने का वादा किया था।

कांग्रेस ने पहले 2000 रुपये देने का वादा किया था,

लेकिन भाजपा ने इसे बढ़ाकर 2100 रुपये कर दिया।

सैलजा ने आगे कहा, “भाजपा सरकार ने अभी तक यह राशि देना शुरू नहीं किया है।

महिलाएं आज भी इंतज़ार कर रही हैं कि कब उनके खातों में ये पैसे आएंगे। क्या यह सिर्फ एक सपना है?”

भाजपा ने 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने का भी वादा

इसके अलावा, भाजपा ने हर घर गृहिणी योजना के तहत 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने का भी वादा किया था।

सैलजा ने बताया कि लगभग 49 लाख महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत इसका लाभ मिलने की उम्मीद थी,

लेकिन इसके लिए उन्हें पहले पूरा भुगतान करना होगा और फिर सब्सिडी का पैसा वापस मिलेगा।

“कांग्रेस ने भी गैस सिलेंडर के लिए 500 रुपये का वादा किया था,

लेकिन भाजपा ने इसे अपनी योजना के रूप में पेश किया।”

सैलजा ने कहा, “भाजपा के पास अपने वादों को पूरा करने का कोई ठोस आधार नहीं है।

वे केवल बातें करते हैं, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है।

” उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने महिलाओं के साथ खिलवाड़ किया है और आज भी ऐसा ही कर रही है।

उन्होंने भाजपा सरकार को चेतावनी दी कि यदि वे अपने वादे पूरे नहीं करते हैं,

तो कांग्रेस आगामी चुनावों में इसका बदला लेगी।

सैलजा ने यह भी कहा कि महिलाएं अब जागरूक हो गई हैं

और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए तैयार हैं।

कुमारी सैलजा ने अंत में यह भी कहा कि भाजपा के वादे केवल खोखले शब्द हैं

और अब समय आ गया है कि महिलाएं अपने हक की लड़ाई खुद लड़ें