खाद की कमी पर कुमारी सैलजा का तीखा बयान, ‘किसान परेशान, सरकार बेखबर’

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव और सिरसा की सांसद Selja Kumari ने उकलाना मंडी के गांव भीखेवाला में खाद के लिए आत्महत्या करने वाले किसान रामभगत के घर पर शोक व्यक्त किया और सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला।

सैलजा ने कहा कि यदि किसी किसान को खाद, बीज और कीटनाशक जैसी बुनियादी चीज़ों के लिए आत्महत्या करनी पड़े,

तो यह सरकार के लिए सबसे बड़ी शर्म की बात है।

Selja Kumari : किसान को खाद क्यों नहीं मिल रही

सैलजा ने सवाल किया, “अगर खाद की कमी नहीं है, जैसा कि सरकार दावा करती है,

तो फिर किसान को खाद क्यों नहीं मिल रही है? जब किसान खाद के लिए चीख रहा है,

तो सरकार के पास इसका कोई ठोस जवाब क्यों नहीं है?

” उन्होंने कहा कि यह स्थिति इस बात का स्पष्ट संकेत है कि सरकार को किसानों के प्रति अपनी नीतियों और सोच को बदलने की जरूरत है।

कुमारी सैलजा ने रामभगत के परिवार के साथ संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा

कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई और किसान आत्महत्या जैसे कदम न उठाए।

उन्होंने कहा कि किसानों की ज़िंदगी सबसे महत्वपूर्ण है और किसी भी हालत में उसे खतरे में नहीं डालना चाहिए।

खाद के विक्रेताओं के गोदामों और स्टॉक की जांच

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सैलजा ने खाद की आपूर्ति व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, “खाद के विक्रेताओं के गोदामों और स्टॉक की जांच होनी चाहिए।

यदि कोई खाद विक्रेता किसानों को डीएपी या यूरिया देने से मना करता है,

तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।” उन्होंने यह भी पूछा, “अगर खाद की कोई कमी नहीं है,

तो किसानों को खाद क्यों नहीं मिल रही है? क्या कोई खाद का स्टॉक ब्लैक में बेच रहा है?”

कुमारी सैलजा ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नायब सैनी यह दावा कर रहे हैं कि राज्य में डीएपी की कमी नहीं है,

जबकि दूसरी ओर किसान खाद के लिए आत्महत्या कर रहे हैं।

“अगर सरकार सेटेलाइट से पराली जलाने वाले किसानों का पता लगा सकती है,

तो खाद की लंबी-लंबी कतारें क्यों नजर नहीं आतीं?” उन्होंने सवाल किया।

सैलजा : किसान ने खाद के लिए आत्महत्या कर ली

सैलजा ने इस दुखद घटना को प्रदेश का दुर्भाग्य बताया और कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि उकलाना में एक किसान ने खाद के लिए आत्महत्या कर ली।

उन्होंने सरकार से मांग की कि वह किसानों की कठिनाइयों को समझे

और उनकी मदद के लिए तत्काल कदम उठाए।

यह घटना इस बात का संकेत है कि सरकार को खाद की आपूर्ति, वितरण

और किसानों की वास्तविक समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।

Sakshi Dutt:

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