भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में हड़कंप: PM शहबाज़ शरीफ के आवास से महज़ 20 किलोमीटर दूर ज़ोरदार धमाका!

चंडीगढ़, 9 मई: दक्षिण एशिया में स्थिति दिन-ब-दिन और अधिक तनावपूर्ण होती जा रही है। दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों—भारत और पाकिस्तान—के बीच बढ़ता हुआ सैन्य तनाव अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुँच चुका है। हाल ही में भारत की ओर से की गई एक निर्णायक जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान के भीतर सन्नाटा फैला दिया है। इस्लामाबाद के समीप एक जबरदस्त विस्फोट हुआ है, जिसकी गूंज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ के सरकारी आवास से सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी तक दर्ज की गई।

भारत ने एकजुट होकर दिया जवाब, थलसेना-वायुसेना-नौसेना ने साधा एक साथ वार

गुरुवार शाम पाकिस्तान की ओर से भारत के कई शहरों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिशों के बाद भारतीय रक्षा बलों ने एक समन्वित और सटीक हमला किया। थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर पाकिस्तान के सैन्य और नौसैनिक अड्डों पर एक के बाद एक हमले किए, जिससे वहां पर भारी भगदड़ मच गई।

इन हमलों के जवाब में भारत ने एक बात साफ कर दी है—अब आतंक या युद्ध जैसी किसी भी साजिश का जवाब प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि निर्णायक और गहराई से सोचा-समझा होगा।

पाकिस्तान में घबराहट, अधिकारी देश छोड़ने की फिराक में

भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के भीतर अव्यवस्था का माहौल उत्पन्न हो गया है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, कई वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी और राजनीतिज्ञ इस्लामाबाद और रावलपिंडी के हवाई अड्डों की ओर जाते देखे गए, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वे जल्द से जल्द देश छोड़ने की कोशिश में हैं। यह स्थिति पाकिस्तान के आंतरिक ढांचे की नाजुकता को उजागर करती है, और वहां की सत्ताधारी व्यवस्था की स्थिरता पर सवाल खड़े करती है।

दिल्ली में हुई उच्चस्तरीय बैठक, पीएम मोदी ने खुद संभाला मोर्चा

भारत में इस पूरी स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने हिस्सा लिया। बैठक में सीमा की स्थिति, पाकिस्तान के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाइयों और आगे की रणनीति पर गहन विचार-विमर्श हुआ।

रक्षा मंत्रालय में इमरजेंसी मीटिंग, आगे की रणनीति तैयार

इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय में एक इमरजेंसी बैठक आयोजित की, जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), सेना प्रमुख, वायुसेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख मौजूद रहे। इस बैठक में भारत की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई और यह निर्णय लिया गया कि सीमाओं पर भारत की ओर से किसी भी स्थिति का तत्काल और प्रभावशाली जवाब दिया जाएगा।

सीमापार से की गई गोलीबारी का भारत ने दिया सख्त जवाब

पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर के सांबा और आरएसपुरा सेक्टर में किए गए संघर्षविराम उल्लंघन का भारतीय सेना ने बेहद सख्ती से जवाब दिया। जवाबी कार्रवाई इतनी सटीक और तीव्र थी कि पाकिस्तान की ओर से अचानक गोलाबारी बंद कर दी गई और उनके सैनिक पीछे हटने पर मजबूर हो गए।

S-400 की शक्ति, F-16 ध्वस्त

भारतीय वायु रक्षा प्रणाली, विशेष रूप से रूस निर्मित S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने इस पूरे संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पाकिस्तान द्वारा दागी गई करीब आठ मिसाइलों को S-400 ने हवा में ही नष्ट कर दिया। वहीं, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा क्षेत्र में भारतीय वायुसेना ने एक F-16 फाइटर जेट को मार गिराया, जिससे पाकिस्तान की वायु सुरक्षा पर बड़ा प्रश्नचिह्न लग गया है।

इसके अलावा, जैसलमेर के पास पाकिस्तान की ओर से दागी गई लगभग 30 मिसाइलों को भारतीय सुरक्षा बलों ने समय रहते ट्रैक कर निष्क्रिय कर दिया।

‘ऑपरेशन सिंदूर’: आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई

इस जवाबी कार्रवाई की पृष्ठभूमि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी नरसंहार से जुड़ी है, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों को आतंकियों ने बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था। इसी अमानवीय हमले का बदला लेने के लिए भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक एक सैन्य अभियान की शुरुआत की। इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान में आतंकी अड्डों पर गंभीर प्रहार करते हुए भारत की नई सुरक्षा नीति को साकार रूप दिया है।

अब भारत की नीति स्पष्ट: केवल प्रतिक्रिया नहीं, निर्णायक कार्रवाई

भारत ने अपनी सैन्य और कूटनीतिक नीति में बड़ा बदलाव करते हुए यह संकेत दिया है कि अब वह केवल प्रतीकात्मक या सीमित जवाब नहीं देगा। आतंकवाद और उसके समर्थन में खड़े किसी भी देश के खिलाफ अब कार्रवाई निर्णायक, गहरी और बहुस्तरीय होगी।