जिला उयुक्त मोनिका गुप्ता (DC Monica Gupta) पाने श्यामटू और रत्तेवाली गांवों में बजरी, रेत और माइनर मिनरल की क्षमता बढ़ाने को लेकर एक सार्वजनिक जनसुनवाई का आयोजन किया।
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई
इस सुनवाई में स्थानीय ग्रामीणों ने अपनी राय और चिंताओं को खुलकर साझा किया।
DC Monica Gupta – खनिज क्षमता में बड़ा इजाफा
उपायुक्त ने जानकारी दी कि अब तक टांगरी नदी से हर साल 4 लाख टन बजरी, रेत और खनिज निकाले जाते थे।
इस क्षमता को 46.5 हेक्टेयर क्षेत्र में बढ़ाकर 18 लाख टन प्रति वर्ष करने का प्रस्ताव है।
यह खनन कार्य वनस्पति रहित क्षेत्र में केवल 1 से 3 मीटर की गहराई तक सीमित रहेगा।
ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार और विकास के नए अवसर
इस परियोजना से लगभग 70 लोगों को सीधा रोजगार मिलेगा।
साथ ही, गांवों में आवागमन के साधनों में सुधार और चिकित्सा सुविधाओं में भी वृद्धि होगी।
उपायुक्त ने बताया कि सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड के तहत 12 लाख रुपये से अधिक की धनराशि सामाजिक और विकास कार्यों पर खर्च की जाएगी।
पर्यावरण संरक्षण की प्राथमिकता
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि खनन कार्य केवल आवंटित क्षेत्र में ही किया जाएगा और पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे।
धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव नियमित रूप से किया जाएगा।
इसके अलावा, पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए 15,000 पौधे लगाए जाएंगे।
वृक्षारोपण से स्थानीय पर्यावरण को मजबूती मिलेगी और हरियाली बढ़ेगी।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
सुनवाई के दौरान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी सुधीर मोहन, खनन अधिकारी और कार्यकारी अभियंता आशीष चौहान समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे।
उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि खनन प्रक्रिया पर्यावरण मानकों का पालन करते हुए पूरी पारदर्शिता के साथ संचालित की जाएगी।
DC Monica Gupta – ग्रामीणों की भागीदारी
इस जनसुनवाई में ग्रामीणों ने अपने विचार और सुझाव साझा किए।
कुछ ने रोजगार और बुनियादी सुविधाओं में सुधार पर खुशी जताई,
तो कुछ ने पर्यावरण सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने की बात कही।
उपायुक्त ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी सभी चिंताओं का ध्यान रखा जाएगा।
इस खनन परियोजना से न केवल स्थानीय विकास को गति मिलेगी,
बल्कि रोजगार के अवसरों और सामाजिक सुधारों को भी बल मिलेगा।
साथ ही, पर्यावरण सुरक्षा के उपाय इसे एक संतुलित और टिकाऊ विकास मॉडल बनाएंगे।