हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रीमंडल की बैठक में दुग्ध प्लांटों को एक बड़ी राहत देते हुए सैस की डिफाल्ट राशि की अदायगी के लिए विवादों का समाधान स्कीम को मंजूरी प्रदान की।
यह स्कीम उन दुग्ध प्लांटों के लिए लागू होगी, जो 31 जुलाई 2024 तक दुग्ध सैस देने में डिफाल्ट थे।
हरियाणा मुर्राह भैंस एवं दुग्ध पशु प्रजाति अधिनियम 2001 के तहत डिफाल्ट राशि पर 8 प्रतिशत वार्षिक दर से साधारण ब्याज देय था। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि 30 सितंबर 2024 से पहले डिफाल्ट राशि का 50 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा। शेष राशि अगले दो महीने में 30 नवंबर 2024 तक देनी होगी। इस निर्णय से 29 दुग्ध प्लांटों को लाभ होगा और यह दूध के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को प्रोत्साहित करेगा। पिछले दिनों मुख्यमंत्री से दुग्ध प्लांटों का एक प्रतिनिधि मंडल मिला था, जिन्होंने सैस राशि में राहत देने की मांग की थी। विवादों के समाधान स्कीम 9 सितंबर, 2001 से 9 जुलाई 2002 के बीच की अवधि के लिए दुग्ध सेस माफ़ करने या छूट देने के लिए होगी क्योंकि इस अवधि के दौरान दुग्ध सेस एकत्रित करने के लिए कोई नियम नहीं बनाये गए थे।