चंडीगढ़, 19 अप्रैल: शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है, जिन्हें न्याय और कर्म के देवता कहा जाता है। मान्यता है कि यदि शनि देव प्रसन्न हो जाएं, तो व्यक्ति के जीवन की बाधाएं स्वयं हटने लगती हैं। वहीं अगर वे नाराज़ हो जाएं, तो अच्छे-अच्छों का भाग्य पलट जाता है। ऐसे में, शनिवार के दिन कुछ विशेष नियमों का पालन करने से शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है।
यह दिन व्रत, साधना और सेवा का दिन माना जाता है। अगर आप भी शनि देव के भक्त हैं और चाहते हैं कि उनका आशीर्वाद बना रहे, तो जानिए शनिवार के खास नियम और उपाय, जिनसे आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होगा।
शनिवार को करें ये शुभ काम:
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तामसिक भोजन से परहेज करें:
शुक्रवार रात से ही मांस, मदिरा और तामसिक भोजन का त्याग करें। इससे मन और शरीर दोनों शुद्ध रहते हैं। -
सुबह स्नान के बाद संकल्प लें:
शनिवार को प्रातःकाल स्नान करके शनि देव की पूजा का संकल्प लें और मानसिक रूप से शांत होकर दिन की शुरुआत करें। -
पीपल की पूजा करें:
स्नान के बाद पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करें, और उसकी सात परिक्रमाएं करें। परिक्रमा करते समय शनि मंत्रों का जाप करें। -
कच्चा सूत लपेटें:
पीपल के पेड़ को सात बार कच्चे सूत (कच्चे धागे) से लपेटें। यह उपाय बहुत ही पुण्यदायी माना गया है। -
शनि देव को काले तिल और सरसों का तेल चढ़ाएं:
शनि देव की लोहे की प्रतिमा पर काले तिल, काले वस्त्र, सरसों का तेल और नीले फूल अर्पित करें। -
फलाहार करें:
यदि आप शनिवार का व्रत रख रहे हैं तो इस दिन केवल फलाहार करें और मन को एकाग्र रखते हुए ईश्वर का स्मरण करें। -
शनि कथा और आरती:
शनिवार व्रत कथा का श्रवण या पाठ अवश्य करें। संध्या के समय शनि देव की आरती करें और दीप जलाएं। -
दान-पुण्य करें:
इस दिन काला कम्बल, लोहे का बर्तन, उड़द की दाल, काले चने या काले तिल का दान करना शुभ होता है। -
शनि मंत्रों का जाप करें:
“ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
इसके अलावा शनि स्तोत्र, दशरथ कृत शनि स्तोत्र या हनुमान चालीसा का पाठ करें। -
लाल चंदन से स्नान:
एक चुटकी लाल चंदन को स्नान जल में मिलाकर स्नान करें। यह नकारात्मकता को दूर करता है। -
शनि की छाया का दान करें:
एक लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें अपना चेहरा देखें और फिर इसे किसी मंदिर में दान करें।
शनिवार को इन बातों से बचें:
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किसी भी प्रकार का झूठ, धोखा, या बुरा व्यवहार न करें।
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क्रोध, आलस्य और झगड़े से दूर रहें।
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किसी जरूरतमंद को तंग न करें, बल्कि उनकी मदद करें।
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बाल कटवाना या नाखून काटना टालें।
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लोहे या कोयले की चीज़ें खरीदने से परहेज करें।
व्रत का पारण कैसे करें?
शनिवार का व्रत रखने के बाद अगले दिन (रविवार को) प्रातःकाल शनि देव की पूजा करके व्रत का पारण करें। फलाहार या अन्न ग्रहण तभी करें जब पारण की विधि पूरी हो जाए।
शनिवार का दिन आत्मशुद्धि और तप का दिन है। यदि श्रद्धा और नियम से शनि देव की पूजा की जाए तो उनके दंड की जगह आशीर्वाद प्राप्त होता है। जीवन में चल रही परेशानियों, रोग, कर्ज और ग्रहदोषों से मुक्ति के लिए यह दिन अत्यंत प्रभावशाली हो सकता है।