चंडीगढ़, 25 मार्च: सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के सह-सीईओ हान जोंग-ही का निधन मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने के कारण हो गया। वह 63 वर्ष के थे और अस्पताल में भर्ती होने के दौरान उनका निधन हुआ। सैमसंग ने इस दुखद घटना की पुष्टि की है, हालांकि कंपनी ने उनके उत्तराधिकारी के नाम का अभी तक ऐलान नहीं किया है।
सैमसंग में तीन दशकों का शानदार करियर
हान जोंग-ही ने सैमसंग में अपने करियर की शुरुआत डिस्प्ले डिवीजन से की थी, और इसके बाद उन्होंने कंपनी को कई महत्वपूर्ण माइलस्टोन हासिल कराने में मदद की। विशेष रूप से टीवी उद्योग में उन्होंने सैमसंग को एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया, जहां उन्होंने जापान की सोनी जैसी कंपनियों को पीछे छोड़ते हुए सैमसंग को वैश्विक पहचान दिलाई। इसके साथ ही, उन्होंने उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल डिवीजन का भी नेतृत्व किया और एप्पल जैसी प्रतिस्पर्धी कंपनियों के खिलाफ सैमसंग की मजबूती को बढ़ाया।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में नवाचार
हान जोंग-ही के नेतृत्व में सैमसंग ने गैलेक्सी उपकरणों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को एकीकृत किया। इसके अलावा, स्मार्ट फ्रिज, वॉशिंग मशीन और वैक्यूम क्लीनर जैसे घरेलू उपकरणों में AI चिप्स का उपयोग शुरू किया गया। उनकी तकनीकी दूरदर्शिता और नवाचारों ने सैमसंग को वैश्विक बाजार में एक मजबूत स्थान दिलाया और कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
कंपनी के लिए चुनौतीपूर्ण समय
हन का निधन उस समय हुआ है, जब सैमसंग को AI मेमोरी क्षेत्र में SK Hynix Inc. के साथ प्रतिस्पर्धा करनी है, साथ ही उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स की सुस्त मांग से भी जूझना पड़ रहा है। हाल ही में हान ने 2025 को चुनौतीपूर्ण साल बताते हुए कहा था कि कंपनी मर्जर और एक्विजिशन की योजनाओं पर काम कर रही थी, लेकिन उनके निधन से कंपनी को नेतृत्व में एक बड़ा खालीपन महसूस होगा।
सैमसंग के कर्णधार के रूप में हान की विरासत
हान जोंग-ही सैमसंग के लिए एक प्रमुख चेहरा रहे थे और उनका तीन दशकों से ज्यादा का लंबा करियर सैमसंग की सफलता का अहम हिस्सा था। 2020 में उन्हें सह-सीईओ के पद पर नियुक्त किया गया था और उन्होंने कंपनी को नई दिशा दी। उनके नेतृत्व में सैमसंग ने टीवी और मोबाइल जैसे क्षेत्रों में ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की।
उनके निधन से सैमसंग और तकनीकी दुनिया को एक बड़ा आघात हुआ है। उनकी कमी सैमसंग के नेतृत्व में महसूस की जाएगी, खासकर जब कंपनी को वैश्विक प्रतिस्पर्धा और आर्थिक दबावों का सामना करना पड़ रहा है।