सैमसंग इंडिया ने अपने प्रमुख नेशनल एजुकेशन और इनोवेशन कॉम्पीटिशन “Solve for Tomorrow 2024” के तीसरे संस्करण की विजेता टीमों की घोषणा की है।
इस बार की विजेता टीमों में इको टेक इनोवेटर को स्कूल ट्रैक में कम्युनिटी चैम्पियन का खिताब दिया गया, जबकि मेटल टीम ने यूथ ट्रैक में एनवायरनमेंट चैम्पियन का टाइटल अपने नाम किया।
इस प्रतियोगिता ने यह दिखाया है कि कैसे बड़े भारतीय शहरों के अलावा, दूरदराज के इलाकों से भी प्रतिभाएं सामने आ रही हैं।
इको टेक इनोवेटर ने गैर-संदूषित पीने के पानी की समान पहुंच के लिए एक अनोखा आइडिया विकसित किया है।
इस टीम को अपने प्रोटोटाइप को आगे बढ़ाने के लिए 25 लाख रुपये का सीड अनुदान दिया गया है।
वहीं, मेटल ने भूमिगत जल से आर्सेनिक को दूर करने की तकनीक विकसित की है,
जिसके लिए उसे आईआईटी दिल्ली में इनक्यूबेशन के लिए 50 लाख रुपये का अनुदान मिला है।
Solve for Tomorrow 2024 : कार्यक्रम का उद्देश्य देश के युवाओं
इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाली सभी 10 टीमों को 1 लाख रुपये और सभी सदस्यों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।
“सॉल्व फॉर टुमॉरो” कार्यक्रम का उद्देश्य देश के युवाओं को सशक्त बनाना है
ताकि वे असली जीवन की समस्याओं का समाधान कर सकें
और अपने इनोवेटिव आइडियाज के जरिए समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।
सैमसंग साउथवेस्ट एशिया के प्रेसिडेंट और सीईओ जेबी पार्क ने कहा,
“हमें सॉल्व फॉर टुमॉरो के इस साल के संस्करण में सभी प्रतिभागियों द्वारा दिखाए गए नवाचार और रचनात्मकता पर गर्व है।
हमारी सीएसआर पहल के माध्यम से, हम बच्चों को उनके समुदायों
और पर्यावरण की बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक साधन, मार्गदर्शन और अवसर प्रदान करना चाहते हैं।”
अगली पीढ़ी के युवा तकनीक और नवाचार
इको टेक इनोवेटर और मेटल की उपलब्धियाँ यह साबित करती हैं
कि अगली पीढ़ी के युवा तकनीक और नवाचार के जरिए सार्थक बदलाव ला सकते हैं।
जेबी पार्क ने उम्मीद जताई कि इन युवा आविष्कारकों के आइडियाज हकीकत बनेंगे
और लंबे समय तक उनका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।
सॉल्व फॉर टुमॉरो कार्यक्रम की शुरुआत 2010 में अमेरिका में हुई थी,
और अब यह प्रतियोगिता 63 देशों में आयोजित की जा रही है।
इस प्रतियोगिता में अब तक 2.3 मिलियन से अधिक युवाओं ने भाग लिया है,
जो इस पहल की लोकप्रियता और प्रभाव को दर्शाता है।
सैमसंग का यह कार्यक्रम न केवल युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित कर रहा है,
बल्कि समाज के लिए भी नई संभावनाएँ पैदा कर रहा है।
इन नवाचारों से यह स्पष्ट होता है कि युवा पीढ़ी कैसे अपने विचारों से समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।