चंडीगढ़, 24 अप्रैल: जम्मू-कश्मीर के शांत, सुरम्य और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध क्षेत्र पहलगाम में हाल ही में हुआ भीषण आतंकी हमला पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाला साबित हुआ है। इस नृशंस हमले में अब तक 27 निर्दोष पर्यटक अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
इस हमले की भयावहता, निशाने पर रहे मासूम पर्यटक और उसके पीछे छिपे चेहरे को लेकर जैसे-जैसे परतें खुलती जा रही हैं, एक नाम सामने आकर खड़ा हो गया है – सैफुल्लाह खालिद, जो भारत के लिए एक दुश्मन, लेकिन पाकिस्तान में एक वीवीआईपी की तरह माना जाता है।
कौन है ये सैफुल्लाह खालिद?
सैफुल्लाह खालिद, जिसे ‘सैफुल्लाह कसूरी’ के नाम से भी जाना जाता है, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के रावलकोट से आतंक की बागडोर संभालता है। वह आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ है और कुख्यात आतंकी हाफिज सईद का बेहद करीबी सहयोगी माना जाता है।
सैफुल्लाह TRF यानी द रेजिस्टेंस फ्रंट नाम की इकाई का संचालन करता है, जो लश्कर की एक शाखा के तौर पर बनाई गई थी और अब स्वतंत्र आतंकी संगठन के रूप में सक्रिय है। TRF का गठन 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद किया गया था ताकि कश्मीर में नई आतंकी रणनीति के तहत भारत को अस्थिर किया जा सके।
एक आतंकवादी, लेकिन पाकिस्तान में सम्मान
सैफुल्लाह कोई आम आतंकी नहीं है। उसके पास बुलेटप्रूफ लग्ज़री गाड़ियाँ हैं, उसके आस-पास कई लेयर की सुरक्षा होती है, और कहा जाता है कि उसकी सुरक्षा व्यवस्था भारत के प्रधानमंत्री से भी ज़्यादा कड़ी है।
दो महीने पहले, सैफुल्लाह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कंगनपुर इलाके में एक कार्यक्रम में शामिल हुआ था। यह कोई छुपा आयोजन नहीं था। यहाँ पर पाकिस्तानी सेना के कर्नल जाहिद जरीन खटक ने उसे मंच दिया, जहाँ सैफुल्लाह ने खुलेआम भारत और भारतीय सेना के खिलाफ ज़हर उगला।
भड़काऊ भाषण और धमकियाँ
मार्च 2025 में दिए गए एक वीडियो भाषण में सैफुल्लाह ने पाकिस्तान सरकार को चेताया था कि अगर कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नहीं उठाया गया, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। उसने धमकी भरे लहजे में कहा था:
“अगर तुम कश्मीर को ठंडा करोगे, तो बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा को गर्म किया जाएगा। मस्जिदें, मदरसे और बाजार तक नहीं बचेंगे।“
उसने यह भी दावा किया कि 2019 में हुई एक बैठक में खुद तत्कालीन पाकिस्तानी गृह मंत्री शहरयार अफरीदी मौजूद थे और उस समय भी पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर “घुटने टेक दिए” थे।
TRF की भूमिका और भारत की कार्रवाई
TRF को पहले एक ऑनलाइन प्रोपेगेंडा यूनिट के रूप में स्थापित किया गया था, लेकिन जल्द ही यह हथियारों, फंडिंग और आतंकी गतिविधियों में सक्रिय हो गया। जनवरी 2023 में भारत सरकार ने TRF को आधिकारिक रूप से आतंकी संगठन घोषित किया, और 2024 में इस पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया गया।
TRF की गतिविधियों में सुरक्षाबलों पर हमले, आम नागरिकों की हत्या, आतंकी भर्ती, हथियारों और ड्रग्स की तस्करी प्रमुख रही हैं।
हमले की बर्बरता: मानवता हुई शर्मसार
इस हमले की सबसे डरावनी बात यह थी कि आतंकियों ने पर्यटकों से नाम पूछ-पूछ कर गोली मारी। अगर कोई मुस्लिम नहीं था, तो उसे सिर में गोली मार दी गई। यह हमला सिर्फ आतंकवाद नहीं, धार्मिक विद्वेष और अमानवीयता का चरम रूप बन गया।
पीड़ितों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु जैसे राज्यों से आए लोग शामिल हैं। इसके अलावा नेपाल और यूएई से आए दो विदेशी नागरिक भी मारे गए।
लगभग 10 मिनट तक लगातार फायरिंग चलती रही, जिसमें पहलगाम की शांत वादियां खून से लाल हो गईं।
सेना और एजेंसियाँ सतर्क, तस्वीरें वायरल
हमले के बाद सोशल मीडिया पर चार आतंकियों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने अभी तक इनकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। फिलहाल संदिग्धों के स्केच जारी किए गए हैं।
इस हमले को पुलवामा अटैक के बाद जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।
“कश्मीर की वादियों में खून, और मास्टरमाइंड VIP मेहमान बना बैठा है!”
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