चंडीगढ़, 20 मई: कांग्रेस नेता और राजस्थान के टोंक से विधायक सचिन पायलट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया सीजफायर समझौते पर स्पष्टीकरण मांगा है। जयपुर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय दबाव, विशेषकर अमेरिका और IMF की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े किए।
सीजफायर समझौते पर क्या बोले सचिन पायलट?
पायलट ने कहा कि भारत-पाक सीजफायर के ऐलान के तुरंत बाद पाकिस्तान द्वारा किए गए उल्लंघन से यह समझौता संदिग्ध प्रतीत होता है। उन्होंने सवाल उठाया:
“सीजफायर के पीछे किन शर्तों पर समझौता हुआ है? भारत सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि हमें कूटनीतिक, सामरिक या राजनीतिक स्तर पर क्या मिला?”
उन्होंने यह भी कहा कि यदि समझौता अमेरिका या अन्य अंतरराष्ट्रीय ताकतों के हस्तक्षेप से हुआ है, तो यह भारतीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए चिंताजनक हो सकता है।
IMF से पाकिस्तान को कर्ज और आतंकवाद का खतरा
पायलट ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा पाकिस्तान को हाल ही में मिले भारी-भरकम वित्तीय पैकेज पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा:
“क्या यह सुनिश्चित किया गया है कि यह कर्ज आतंकवादी गतिविधियों में खर्च नहीं होगा? भारत को इस बात पर आपत्ति जतानी चाहिए कि बिना पारदर्शिता के ऐसा फंड रिलीज कैसे हुआ।”
उन्होंने अमेरिकी व्यापारिक प्रस्तावों और पाकिस्तान के साथ बढ़ते संबंधों को लेकर भी केंद्र से जवाब मांगा।
कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाना खतरनाक: पायलट
अमेरिका की हालिया टिप्पणी, जिसमें कश्मीर को विवादित मुद्दा बताया गया, पर सचिन पायलट ने तीखी प्रतिक्रिया दी:
“कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है। उसे पाकिस्तान या किसी तीसरे पक्ष के साथ बहस का विषय बनाना पूरी तरह गलत है। इस प्रकार की अंतरराष्ट्रीय टिप्पणियां भारत की स्थिति को कमजोर करती हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत को अपनी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के फैसलों में पारदर्शिता और स्वतंत्रता बनाए रखनी चाहिए।
हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीजफायर की घोषणा हुई थी, जिसके तुरंत बाद पाकिस्तानी सेना द्वारा गोलीबारी की घटनाएं सामने आईं। इसके साथ ही IMF द्वारा पाकिस्तान को 1.1 अरब डॉलर की किस्त जारी करने और अमेरिका द्वारा पाकिस्तान के साथ व्यापार और निवेश बढ़ाने की बात ने राजनीतिक हलकों में बहस को जन्म दिया है।