सेना के वीरों के लिए रोटरी क्लब का खास दिवाली तोहफा: 7 टन मिठाई रवाना!

Rotary Club

Rotary Club : पंजाब के राज्यपाल और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक, गुलाब चंद कटारिया ने सीमाओं पर तैनात जवानों के लिए रोटेरियन द्वारा भेजी गई सात टन मिठाइयों से भरे ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

Rotary Club : नेक कार्य को अंजाम दिया

यह पहल हर साल दिवाली पर जवानों के लिए किए जाने वाले अद्भुत प्रयासों का हिस्सा है,

और इस बार भी रोटरी क्लब ने इस नेक कार्य को अंजाम दिया है।

यह लगातार आठवां वर्ष है जब रोटेरियन सीमाओं पर तैनात जवानों के लिए मिठाई खरीदने और उन्हें भेजने का कार्य कर रहे हैं।

इस बार, मिठाइयों को भारतीय सेना और वायुसेना के सहयोग से एयरलिफ्ट किया जाएगा,

ताकि ये जल्दी से जल्दी जवानों तक पहुँच सकें।

राज्यपाल कटारिया: रोटेरियन के इस समर्पण की सराहना

राज्यपाल कटारिया ने रोटेरियन के इस समर्पण की सराहना की और कहा, “यह एक अद्भुत पहल है।

हमारे जवान जिन कठिन परिस्थितियों में रहते हैं, उनकी याद रखना हमारे लिए महत्वपूर्ण है।

‘आप हैं तो हम हैं’ इस भावना के साथ यह प्रयास किया जा रहा है।”

कटारिया ने पंजाब राजभवन से सेना के ट्रकों को रवाना किया, जो मिठाइयों को वायुसेना के बेस तक पहुँचाएंगे।

वहां से मिठाइयों को आगे की चौकियों तक भेजा जाएगा।

इस मौके पर पूर्व रोटरी इंटरनेशनल अध्यक्ष राजेंद्र के. साबू, उनकी पत्नी उषा साबू, रोटरी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राजपाल सिंह, और कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।

रोटरी क्लब चंडीगढ़ के सहयोग से यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ

यह कार्यक्रम तब शुरू हुआ जब उषा साबू ने एक जवान से मुलाकात की, जो दिवाली से पहले सीमा पर तैनाती के लिए जा रहा था।

इस बातचीत ने उन्हें जवानों के लिए कुछ खास करने की प्रेरणा दी, और इसी के चलते रोटरी क्लब चंडीगढ़ के सहयोग से यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ।

आज, यह पहल न केवल चंडीगढ़ बल्कि मुंबई जैसे दूर के शहरों से भी समर्थन प्राप्त कर रही है।

भवन विद्यालय के छात्रों ने इस अभियान के लिए 4 लाख रुपये से अधिक राशि एकत्रित की है,

ताकि वे अपने जवानों को दिवाली की शुभकामनाएं भेज सकें।

राजपाल सिंह ने सभी रोटेरियनों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस परियोजना में समर्थन दिया।

पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मधुकर मल्होत्रा ने चंडीगढ़ में वायुसेना के बेड़े का भी आभार व्यक्त किया,

जिसने इस खेप को समय पर पहुँचाने में मदद की।

इस तरह के प्रयास न केवल जवानों को दिवाली की खुशियों का अहसास कराते हैं,

बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाते हैं कि हमारी सुरक्षा के लिए कितने लोग अपने परिवारों से दूर रहकर अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।

यह दिवाली केवल मिठाइयों की नहीं, बल्कि सैनिकों के प्रति हमारी कृतज्ञता और सम्मान की भी है।