भारतीय सेना की 18-पंजाब बटालियन द्वारा शहीद कैप्टन Rohit Kaushal को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए गार्ड-ऑफ-ऑनर और पुष्पांजलि अर्पित करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) प्रशिक्षण केंद्र के आईजी एपीएस निंबाडिया, पश्चिमी कमान के जीओसी-इन-सी, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित शहीद के परिवार और कई समाजसेवी मौजूद थे।
Rohit Kaushal : आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहादत दी
कैप्टन रोहित कौशल, जिन्होंने 11 नवम्बर 1995 को जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहादत दी थी,
की 29वीं पुण्यतिथि पर यह श्रद्धांजलि कार्यक्रम जलौली स्थित उनके स्मारक पर आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में शहीद के माता-पिता, अन्य पारिवारिक सदस्य,
और शहीद कैप्टन रोहित कौशल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र-छात्राएं भी शामिल हुए।
पंचकूला के मेयर, कुलभूषण गोयल ने कहा
कि नगर निगम ने पंचकूला के कई सामुदायिक केंद्रों का नाम स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के नाम पर रखा है।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि जलौली स्थित सामुदायिक केंद्र का नाम अब शहीद कैप्टन रोहित कौशल के नाम पर रखा जाएगा।
इस कार्यक्रम में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया,
जिसमें स्कूल के छात्रों और स्टाफ ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
रक्तदान शिविर और अन्य कार्यक्रम:
इसके अतिरिक्त, शहीद कैप्टन रोहित कौशल की याद में श्री शिव कांवड़ महासंघ चैरिटेबल ट्रस्ट
और अन्य संगठनों द्वारा सेक्टर 34ए चंडीगढ़ में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया।
शहीद का जीवन और बलिदान:
कैप्टन रोहित कौशल का जन्म 5 अगस्त 1968 को अंबाला कैंट में हुआ था।
वे 27 नवंबर 1995 को शादी करने वाले थे,
लेकिन 10-11 नवम्बर 1995 को डोडा जिले के गंडोह क्षेत्र में आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन में शहीद हो गए।
उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर दो आतंकवादियों को घायल किया,
जबकि खुद गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
भारत सरकार ने उनकी वीरता और साहस को सलाम करते हुए उन्हें मरणोपरांत सेना पदक से सम्मानित किया।
हरियाणा सरकार और शहीद के परिवार ने उनकी स्मृति को अमर बनाने के लिए एक स्मारक और स्कूल का निर्माण किया है।
राजकीय सम्मान:
हरियाणा सरकार ने उनके नाम पर जालौली के वरिष्ठ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का नाम शहीद कैप्टन रोहित कौशल के नाम पर रखा है।
इसके अलावा, पंचकूला में जिला सैनिक भवन की ओर जाने वाली सड़क
और जालौली स्थित सामुदायिक केंद्र को भी उनके नाम से सम्मानित किया गया है।
इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम और रक्तदान शिविर में भाग लेने वाले सभी लोगों ने शहीद के अद्वितीय बलिदान को सम्मानित किया और उनके योगदान को याद किया।