पंजाब सरकार द्वारा कृषि विविधीकरण और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए अपनाई जा रही नई रणनीतियाँ, राज्य के लिए एक ऐतिहासिक परिवर्तन का प्रतीक बन सकती हैं। सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री Alok Shekhar ने पंजाब में सहकारी आंदोलनों को लेकर एक महत्वाकांक्षी योजना का खुलासा किया है,
जो न केवल मछली पालन के क्षेत्र में विकास को प्रोत्साहित करेगा,
बल्कि पंजाब के प्रत्येक गाँव को समृद्ध करने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो सकता है।
Alok Shekhar – सहकारी समितियाँ और मछली पालन: पंजाब की नई उम्मीद
श्री आलोक शेखर ने अपने उद्घाटन भाषण में मछली पालन को राज्य के कृषि विविधीकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पंजाब सरकार मौजूदा प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं (पैक्स) के सशक्तिकरण
और नई बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं (एम-पैक्स) की स्थापना पर विशेष ध्यान देगी।
इस रणनीति के तहत, राज्य के 18,000 तालाबों में से जो समय के साथ सूख चुके हैं,
उन्हें पुनर्जीवित किया जाएगा, जिससे न केवल मछली पालन का दायरा बढ़ेगा,
बल्कि भूजल स्तर को बनाए रखने और पर्यावरण संतुलन को भी मजबूती मिलेगी।
पंजाब में 13,000 से अधिक गाँव हैं, और इनमें लगभग 18,000 तालाब हैं,
जिनमें से कई का इस्तेमाल मछली पालन के लिए किया जा सकता है।
यदि इन तालाबों को पुनर्जीवित किया जाता है,
तो यह न केवल मछली पालन के व्यवसाय को बढ़ावा देगा,
बल्कि राज्य के किसानों को अतिरिक्त आय के स्रोत भी प्रदान करेगा।
इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे,
और कृषि के अतिरिक्त रोजगार क्षेत्रों का विकास होगा,
जो ग्रामीण विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
Alok Shekhar – सहकारी समितियाँ और किसानों की आय में वृद्धि
श्री शेखर ने यह भी कहा कि प्राथमिक कृषि सहकारी सभाएँ मछली पालन, उत्पादों के विपणन,
और किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने में प्रमुख भूमिका निभा सकती हैं।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इन सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ
और मछली पालन के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे,
जिससे उनकी आय में अप्रत्याशित वृद्धि हो सकती है।
इसके साथ ही, सहकारी समितियाँ किसान उत्पादों के विपणन के लिए मजबूत नेटवर्क तैयार करेंगी,
जो उन्हें उचित कीमत पर अपने उत्पाद बेचने की सुविधा प्रदान करेगा।
सम्मेलन में उपस्थित सहकारी सभाओं के किसानों ने अपनी सफलता की प्रेरणादायक कहानियाँ साझा कीं।
उन्होंने बताया कि कैसे सहकारी समितियों ने उन्हें उनकी कृषि और डेयरी उत्पादों को बेहतर तरीके से बेचने में मदद की,
जिससे उनकी आय में कई गुना वृद्धि हुई।
इन किसानों ने बताया कि सहकारी समितियों के माध्यम से प्राप्त समर्थन ने उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त किया
और उनकी जीवनशैली को सुधारने में मदद की।
पंजाब सहकारी आंदोलन में एक नया युग
सहकारी सभाओं के रजिस्ट्रार, श्री विमल कुमार सेतिया ने पंजाब में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने जो योजनाएँ शुरू की हैं,
उनका प्रभाव बहुत जल्द राज्य के हर कोने में महसूस किया जाएगा।
इन पहलों के माध्यम से, पंजाब सरकार का उद्देश्य राज्य के आर्थिक विकास में तेजी लाना और किसानों की स्थिति को सशक्त बनाना है।
सहकारी समितियों का भविष्य
पंजाब में सहकारी समितियाँ अब केवल कृषि उत्पादों के लिए एक मंच नहीं रह गईं हैं,
बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार, आर्थिक सशक्तिकरण, और सामाजिक समृद्धि का महत्वपूर्ण केंद्र बन गई हैं।
श्री शेखर और श्री सेतिया जैसे वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में, यह आंदोलन राज्य के विकास को एक नई दिशा देने में सक्षम है।
आने वाले वर्षों में, पंजाब का सहकारी आंदोलन न केवल कृषि क्षेत्र, बल्कि समग्र राज्य विकास में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है।