pension plan: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों के सम्मान और सहायता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है।
इसी कड़ी में, स्वतंत्रता सेनानी मंत्री महिंदर भगत ने चंडीगढ़ में एक समीक्षा बैठक आयोजित की।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्रता सेनानियों के लिए उपलब्ध कल्याणकारी योजनाओं का अवलोकन करना
और स्वतंत्रता सेनानी विभाग की वर्तमान गतिविधियों का मूल्यांकन करना था।
pension plan: सरकार स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए सुविधाएं
बैठक में स्वतंत्रता सेनानी विभाग की विशेष मुख्य सचिव, श्रीमती राजी पी. श्रीवास्तव ने मंत्री भगत को मौजूदा कार्यक्रमों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सरकार स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए कई महत्वपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध करा रही है,
जिनमें पेंशन, स्वास्थ्य सहायता, शिक्षा में आरक्षण और रोजगार सहायता शामिल हैं।
मेडिकल और तकनीकी कॉलेजों में 1 प्रतिशत आरक्षण
श्रीमती श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों के अविवाहित और बेरोजगार पुत्रों और पुत्रियों के लिए विशेष पेंशन लाभ की व्यवस्था की है।
इसके अलावा, राज्य के मेडिकल और तकनीकी कॉलेजों में 1 प्रतिशत आरक्षण और सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए विशेष अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।
मंत्री महिंदर भगत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वतंत्रता दिवस
और गणतंत्र दिवस जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों को उचित सम्मान और आदर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि आज़ादी के सेनानियों के परिवारों की समस्याओं का समय पर समाधान होना आवश्यक है,
ताकि उन्हें अधिकतम सहायता मिल सके।
बैठक में मंत्री ने मौजूदा कल्याणकारी योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया।
उनका कहना था कि राज्य सरकार स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत को संजोने
और उनके परिवारों को सम्मान देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
बैठक में स्वतंत्रता सेनानी विभाग की संयुक्त सचिव श्रीमती लवजीत कलसी और वरिष्ठ सहायक श्री गुरविंदर सिंह भी उपस्थित थे।
उन्होंने सभी योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की और अगले कदमों पर चर्चा की।
इस बैठक से यह स्पष्ट होता है कि पंजाब सरकार स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति गंभीर है
और उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
ऐसे कदम आज़ादी के सेनानियों की सम्माननीय सेवा को मान्यता देते हैं और उनके योगदान को याद करते हैं।