इस बार विधानसभा चुनावों में हरियाणवी भाषा विकास मंच अपने भाषाई आंदोलन को लेकर जनता के बीच जाएगा और मतदाताओं से अपील करेगा कि वे अपना मतदान उसी पार्टी को दे जो प्रदेश में सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ साथ कला संस्कृति साहित्य और मां बोली हरियाणवी के उत्थान के लिए वचनबद्ध हो। यह बयान पंडित लख्मीचंद सम्मान से विभूषित हरियाणवी कवि, चिंतक एवं मंच के अध्यक्ष डॉ वीएम बेचैन ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दिया। उन्होंने कहा कि सरकारें बेशक हर क्षेत्र में कार्य करती हो लेकिन हरियाणवी की अनदेखी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ती। अनेक राज्यों की बोलियों को भाषा का दर्जा मिल चुका है लेकिन हरियाणवी को आज तक संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है। इस बारे में राज्य सरकारों ने कभी गंभीरता नहीं दिखाई। यही वजह है हरियाणा में आज तक अलग हरियाणवी साहित्य अकादमी का गठन किसी ने भी नहीं किया लेकिन इस बार विधानसभा चुनावों में हरियाणवी भाषा विकास मंच ने निर्णय लिया है कि वो कला संस्कृति, साहित्य से जुड़े लोगों एवं आमजन को प्रेरित करेंगे और उनको समझाएंगे कि अपना वोट केवल उसी पार्टी को दे जो अपने घोषणा पत्र में हरियाणवी को आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए वचनबद्धता जताएंगी। डॉ बेचैन ने कला संस्कृति साहित्य एवं शिक्षा से जुड़े तमाम बुद्धिजिवियों और आम नागरिकों से भी निवेदन किया कि वे हरियाणवी बोली को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने की जो पार्टी वचन देती है उसी को अपना वोट देवें।