चंडीगढ़, 27 मार्च: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इसका उद्देश्य छोटे उधारकर्ताओं को राहत देना और बैंकों को पारदर्शी तरीके से काम करने के लिए प्रेरित करना है। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में।
छोटे लोन पर नहीं लगेगा कोई अतिरिक्त शुल्क
RBI ने साफ किया है कि 50,000 रुपये तक के छोटे लोन पर बैंक कोई सेवा शुल्क या निरीक्षण शुल्क नहीं लगा सकेंगे। इससे छोटे व्यवसायियों, किसानों और कम आय वाले लोगों को बहुत राहत मिलेगी, क्योंकि अब उन्हें अनावश्यक वित्तीय बोझ से बचने का मौका मिलेगा।
होम लोन की सीमा बढ़ाई गई
अब घर खरीदने का सपना देख रहे लोगों के लिए खुशखबरी है। RBI ने होम लोन की सीमा बढ़ा दी है। नए नियमों के अनुसार:
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50 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में होम लोन की सीमा 50 लाख रुपये तक बढ़ाई गई है, जो पहले 35 लाख रुपये थी।
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घर की कीमत अब 63 लाख रुपये तक हो सकती है, जो पहले 45 लाख रुपये थी।
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10 लाख से अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में अब 45 लाख रुपये तक का होम लोन मिलेगा।
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10 लाख से कम आबादी वाले क्षेत्रों में 35 लाख रुपये तक का होम लोन PSL के तहत आएगा।
इसके अलावा, एक परिवार के लिए कर्ज सीमा 10 लाख रुपये तय की गई है।
बैंकों को रिपोर्टिंग की जिम्मेदारी
बैंकों को अब अपने प्राथमिकता क्षेत्र ऋणों की तिमाही और वार्षिक रिपोर्ट जमा करनी होगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि PSL के तहत दिए गए ऋण सही जगहों पर पहुंच रहे हैं और पारदर्शिता बनी रहती है।
गोल्ड लोन PSL में नहीं आएगा
RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि बैंकों द्वारा सोने के आभूषणों के बदले दिए गए ऋणों को PSL के तहत नहीं गिना जाएगा। इसका मतलब है कि प्राथमिकता क्षेत्र के लिए आवंटित धन का सही उपयोग सुनिश्चित होगा और यह केवल जरूरतमंद क्षेत्रों जैसे कृषि, छोटे व्यवसाय, और कमजोर वर्गों तक पहुंचेगा।
क्या होगा फायदा?
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छोटे उधारकर्ताओं को राहत मिलेगी, क्योंकि अब 50,000 रुपये तक के लोन पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
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होम लोन की सीमा बढ़ने से घर खरीदना आसान होगा।
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पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे PSL का सही उपयोग होगा।
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गोल्ड लोन PSL के तहत न होने से फंड सही जगह पर पहुंचेगा।
इस बदलाव के साथ, छोटे उधारकर्ताओं और सामान्य लोगों के लिए ऋण लेना और उनके वित्तीय बोझ को कम करना अब और भी आसान हो जाएगा।