चंडीगढ़, 17 जून: हरियाणा सरकार ने अरावली पर्वतमाला के ग्रीन कवर को पुनर्जीवित करने और राज्य को ईको-टूरिज्म के मानचित्र पर प्रमुखता से स्थापित करने की दिशा में एक नई और महत्वाकांक्षी पहल की है। हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने सोमवार को इस योजना की जानकारी देते हुए कहा कि अरावली क्षेत्र में प्रस्तावित जंगल सफारी प्रोजेक्ट और अरावली ग्रीन वॉल मिशन राज्य को पर्यावरणीय और आर्थिक दोनों ही दृष्टियों से नई ऊंचाई प्रदान करेगा।
क्या है ‘जंगल सफारी परियोजना’?
अरावली की गोद में स्थापित की जाने वाली इस सफारी का उद्देश्य सिर्फ टूरिज्म बढ़ाना नहीं, बल्कि राज्य में वन्यजीव संरक्षण, जैव विविधता की सुरक्षा और स्थानीय रोजगार सृजन को भी साथ लेकर चलना है। इस परियोजना की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराए जाने की योजना है, ताकि इसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और समर्थन मिल सके।
‘अरावली ग्रीन वॉल’ – हरियाणा से शुरू होकर चार राज्यों तक फैलेगा पर्यावरण का कवच
राव नरबीर सिंह ने बताया कि यह ग्रीन वॉल परियोजना हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली तक फैलेगी। इसका उद्देश्य अरावली पर्वतमाला को फिर से हरियाली से ढंकना, मृदा क्षरण को रोकना, भूजल स्तर को बेहतर बनाना और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त करना है। परियोजना 1.15 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करेगी – यह एक ऐसा हरित कवच होगा जो शहरीकरण के दुष्प्रभाव को कम करेगा।
विज़न 360°: पर्यटन + पर्यावरण + रोजगार
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यह परियोजना न केवल वातावरणीय संरक्षण को प्राथमिकता देती है, बल्कि इसे स्थानीय विकास से भी जोड़ती है।
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अरावली सफारी क्षेत्र में वन मित्र योजना के अंतर्गत युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें स्थानीय गाइड, सफारी मैनेजर या वन्यजीव सहायक के रूप में रोजगार मिलेगा।
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साथ ही, आसपास के गांवों में ईको-फ्रेंडली स्टे, हस्तशिल्प, जैविक खेती और पर्यटन से जुड़े लघु उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।
नागपुर और जामनगर की सफारी से मिल रही प्रेरणा
परियोजना की कार्ययोजना तैयार करने से पहले मंत्री राव नरबीर सिंह ने नागपुर की गोरेवाड़ा सफारी और गुजरात की वनतारा सफारी का दौरा किया, और वहां की बेस्ट प्रैक्टिसेज को हरियाणा में अपनाने की तैयारी शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि पहले यह परियोजना पर्यटन विभाग के अधीन थी, लेकिन अब इसे सीधे वन विभाग के अंतर्गत लाया गया है, ताकि वन्यजीवों और प्रकृति से जुड़े पहलुओं पर गंभीरता से कार्य किया जा सके।
बढ़ती पर्यावरणीय चेतना और युवा भागीदारी
राव नरबीर सिंह का मानना है कि आज का युवा प्रकृति और पारिस्थितिकी को लेकर अधिक सजग हो रहा है। स्टार्टअप्स और स्वयंसेवी संस्थाएं वन्यजीव संरक्षण में भागीदारी कर रही हैं। सरकार इस भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी और जनभागीदारी आधारित मॉडल के तहत इस परियोजना को आगे बढ़ाएगी।
प्रधानमंत्री की प्रेरणा से आगे बढ़ रही योजना
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं ‘मन की बात’ में पर्यावरण सुरक्षा, वन्य जीवों के संरक्षण और जनभागीदारी की जरूरत पर जोर दिया है। उसी दिशा में हरियाणा सरकार यह कदम बढ़ा रही है, ताकि पर्यावरणीय जागरूकता को जनांदोलन का रूप दिया जा सके।