हादसे में 241 जानें गईं, पर एक सीट बनी ‘ज़िंदगी का दरवाज़ा’ – Seat 11A पर बैठे रमेश विश्वास कुमार की चमत्कारी कहानी!

चंडीगढ़, 13 जून: 13 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 भीषण दुर्घटना का शिकार हो गई। टेकऑफ के कुछ मिनटों बाद ही विमान बीजे मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकराकर क्रैश हो गया। इस दर्दनाक हादसे में जहां 241 लोगों की जान चली गई, वहीं एक नाम ऐसा रहा जिसने मौत को मात दी – रमेश विश्वास कुमार

रमेश की सीट थी 11A – और अब हर कोई जानना चाहता है कि आखिर इस सीट में ऐसा क्या खास था, जिसने रमेश को मौत के मुंह से बाहर निकलने का मौका दिया?

सीट 11A की लोकेशन – कहां होती है ये ‘लाइफलाइन’ सीट?

बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 विमान के लेआउट के अनुसार:

  • सीट नंबर: 11A

  • क्लास: इकोनॉमी क्लास की पहली पंक्ति

  • लोकेशन: विमान के बाएं तरफ खिड़की के पास

  • पास में: इमरजेंसी एग्जिट डोर

  • खासियत: एक्स्ट्रा लेगरूम + तेजी से बाहर निकलने की सुविधा

यह सीट अक्सर बिजनेस और इकोनॉमी क्लास के बीच की स्थिति में होती है, और इसके बिल्कुल पास ही इमरजेंसी एक्जिट होता है। यही वो बिंदु था जो रमेश के लिए जिंदगी और मौत के बीच का फासला बना।

कैसे बची रमेश की जान?

हादसे के वक्त रमेश अपने भाई के साथ फ्लाइट में थे और सीट 11A पर बैठे थे। जैसे ही विमान ज़मीन से टकराया, हर तरफ चीख-पुकार मच गई। लेकिन रमेश को होश था और उनकी सीट इमरजेंसी गेट के पास थी।

उनकी अपनी ही ज़ुबानी:

“मैं जैसे ही उठा, चारों ओर लाशें थीं। मैं बस भागा… किसी ने मुझे खींचा और एम्बुलेंस तक ले गया।”

रमेश किसी तरह खुद को संभाल पाए और एग्जिट डोर से बाहर निकलकर जान बचाने में कामयाब हो गए। वह बुरी तरह घायल थे, लेकिन होश में थे और मदद की गुहार लगाते सड़क पर चलते नजर आए।

वीडियो वायरल – एक घायल इंसान की हिम्मत ने देश को झकझोरा

हादसे के कुछ घंटों बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें रमेश खून से लथपथ हालत में, सड़क पर चलते हुए दिखते हैं। बार-बार कह रहे थे:

“मैं बच गया… मैं बच गया…”

देशभर से लोगों ने इस वीडियो को शेयर किया और रमेश की हिम्मत की सराहना की। लेकिन इस चमत्कार के बीच एक दुखद पहलू भी है – रमेश के भाई का अब तक कोई पता नहीं चला है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और सरकारी चिंता

  • गृह मंत्री अमित शाह ने अस्पताल पहुंचकर रमेश से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और अहमदाबाद का दौरा करने की घोषणा की है।

क्या 11A वाकई लकी सीट है? या बस एक इत्तेफाक?

विशेषज्ञों का कहना है कि सीट 11A ड्रीमलाइनर विमान में इमरजेंसी एक्सिट के निकट होने के कारण एक ‘सुरक्षित लोकेशन’ मानी जाती है। हालांकि विमान दुर्घटनाओं में कोई सीट पूरी तरह सुरक्षित नहीं होती, लेकिन कुछ सीटें ऐसे स्थानों पर होती हैं जहां से बाहर निकलने की संभावना थोड़ी अधिक रहती है – और यही फायदा रमेश को मिला।

भारी चोटों के बावजूद रमेश का जीवित रहना एक मिसाल बन गया है – वह सिर्फ एक यात्री नहीं, बल्कि हिम्मत, होशियारी और सही जगह पर होने की मिसाल हैं।