6 जून से खुलने जा रहा है अयोध्या में राम दरबार, जानें कब होगी प्राण प्रतिष्ठा!

चंडीगढ़, 9 अप्रैल: अयोध्या में राम मंदिर के भक्तों के लिए एक और महत्वपूर्ण क्षण आने वाला है। अगले महीने, 6 जून से राम दरबार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। हालांकि, यह आयोजन प्राण प्रतिष्ठा समारोह जैसा नहीं होगा, लेकिन इसमें भगवान राम और उनके परिवार की मूर्तियों की प्रतिष्ठा से जुड़ा विशेष महत्व है। इस बारे में मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख नृपेंद्र मिश्र ने जानकारी दी है।

मिश्र के अनुसार, 2020 में शुरू हुए राम मंदिर निर्माण का कार्य अब अपनी आखिरी अवस्था में है। 2024 में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी थी, और अब अगले चरण में राम दरबार की स्थापना होगी। राम लला की मूर्ति पहले ही मंदिर के भूतल पर प्रतिष्ठित की जा चुकी है, और अब पहली मंजिल पर भगवान राम को उनके दरबार में विराजमान किया जाएगा।

राम दरबार में स्थापित होगी भगवान राम और उनके परिवार की मूर्तियां
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि 23 मई को भगवान राम, माता सीता, उनके भाई लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान की मूर्तियां अयोध्या स्थित राम मंदिर के पहले तल पर स्थापित की जाएंगी। इस धार्मिक आयोजन के बाद, 5 जून को एक विशेष पूजा आयोजित की जाएगी। इसके बाद 6 जून को राम दरबार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।

यह आयोजन विशेष रूप से इस बात से जुड़ा है कि 2020 में मंदिर निर्माण की शुरुआत हुई थी और अब लगभग तीन साल बाद यह चरण पूरा हो रहा है। मिश्र ने स्पष्ट किया कि हालांकि यह पूजा महत्वपूर्ण होगी, लेकिन इसे ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कहना उचित नहीं होगा, क्योंकि राम लला की प्राण प्रतिष्ठा पहले ही संपन्न हो चुकी है।

मंदिर के अन्य हिस्से भी होंगे तैयार
नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि राम दरबार के दर्शन के लिए 6 जून से मंदिर के मुख्य तल सहित अन्य प्रमुख स्थानों को श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा। हालांकि, मंदिर परिसर की दीवारों का निर्माण कुछ समय और लगेगा। उन्होंने यह भी कहा कि 6 जून तक मंदिर के बाहर स्थित महर्षि वाल्मीकि मंदिर समेत सात अन्य छोटे मंदिरों का निर्माण भी पूरा हो जाएगा।

जयपुर से तैयार हुई भगवान राम की मूर्ति
राम दरबार में स्थापित की जाने वाली भगवान राम की मूर्ति करीब 5 फुट ऊंची होगी और इसे सफेद संगमरमर से जयपुर में तैयार किया गया है। इस मूर्ति के साथ-साथ अन्य प्रमुख देवताओं की मूर्तियां भी इस पवित्र स्थान पर स्थापित की जाएंगी।

नृपेंद्र मिश्र ने यह भी बताया कि 23 मई और 5 जून की तिथियों का ज्योतिषीय महत्व है, इसलिए इन तिथियों के हिसाब से इस आयोजन की योजना बनाई गई है। वे आश्वस्त हैं कि राम दरबार को श्रद्धालुओं के लिए खोलने से पहले सभी धार्मिक प्रक्रियाएं सही समय पर संपन्न हो जाएंगी।