चंडीगढ़, 19 मई – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल राखीगढ़ी में ₹20 करोड़ की लागत से विकसित की गई तीन महत्त्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का विधिवत लोकार्पण किया। इस अवसर पर उनके साथ केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी उपस्थित रहे। ये परियोजनाएं राखीगढ़ी को विश्वस्तरीय पर्यटन और शोध केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया, उनमें विश्रामगृह (रेस्ट हाउस), छात्रावास (हॉस्टल) और कैफेटेरिया शामिल हैं। इन संरचनाओं के माध्यम से यहां आने वाले देश-विदेश के पर्यटकों, शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों और इतिहास प्रेमियों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।
पर्यटकों और विद्यार्थियों के लिए सुविधाएं
मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि नव-निर्मित 17 कमरों वाले विश्रामगृह को सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। वहीं, 13 डोरमैट्री युक्त छात्रावास विद्यार्थियों के ठहरने के लिए बनाया गया है। इसमें एक सुव्यवस्थित डाइनिंग हॉल भी है, जो बड़ी संख्या में ठहरने वालों की जरूरत को पूरा करेगा। इसके साथ ही, कैफेटेरिया भी तैयार किया गया है जिससे आगंतुकों को भोजन और अन्य आवश्यक सेवाएं उपलब्ध होंगी।
हड़प्पा कालीन धरोहरों की प्रदर्शनी
इस ऐतिहासिक मौके पर मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने पुरातत्त्व विभाग द्वारा आयोजित हड़प्पा सभ्यता पर आधारित विशेष प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। प्रदर्शनी में खुदाई के दौरान प्राप्त दुर्लभ हड़प्पा कालीन वस्तुएं जैसे कि टैराकोटा के खिलौने, छकड़ा गाड़ी के पहिए, दीये, मनके, हार आदि दर्शकों के लिए प्रस्तुत किए गए, जो न केवल इतिहास के प्रति जिज्ञासा बढ़ाते हैं बल्कि भारतीय सभ्यता की प्राचीनता को भी प्रमाणित करते हैं।
राखीगढ़ी को बनेगा वैश्विक पर्यटन स्थल
मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर अधिकारियों के साथ राखीगढ़ी के समग्र विकास को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राखीगढ़ी को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए संग्रहालय, व्याख्यान केंद्र, शेड निर्माण, लाइटिंग, पार्किंग जैसी व्यवस्थाएं आधुनिक मानकों के अनुरूप तैयार की जाएंगी। उन्होंने पुरातात्विक उत्खनन को सालभर निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए साइट्स पर स्थायी संरचनाएं बनाने के निर्देश भी दिए।
राखीगढ़ी से जुड़े ऐतिहासिक तथ्य और भारत की प्राचीनता
केंद्रीय मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राखीगढ़ी में 1960 के दशक से अब तक कई चरणों में हुई खुदाई से यह सिद्ध हो चुका है कि यह स्थान लगभग 8000 वर्ष पुरानी सभ्यता का साक्षी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि “यहां से प्राप्त अवशेष स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि विश्व की सबसे पुरानी और विकसित मानव सभ्यता भारत में ही विद्यमान रही है।”
शेखावत ने यह भी बताया कि हरियाणा सरकार ने राखीगढ़ी को न केवल एक पर्यटन स्थल बल्कि शोध, शिक्षा और इतिहास प्रेमियों के लिए अध्ययन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में बेहतरीन कार्य किया है। साथ ही, अग्रोहा जैसे अन्य पुरातात्विक स्थलों को भी राखीगढ़ी के साथ एकीकृत कर ‘सिंधु-सरस्वती सभ्यता सर्किट’ के रूप में विकसित करने पर चर्चा हुई है।
उपस्थित गणमान्य और अधिकारियों की भूमिका
इस ऐतिहासिक अवसर पर कई प्रमुख नेता और अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें हरियाणा के विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, लोक निर्माण मंत्री श्री रणबीर गंगवा, विधायक विनोद भ्याणा, रणधीर पनिहार, पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, पूर्व सांसद डीपी वत्स, पुरातत्त्व विभाग के निदेशक श्री अमित खत्री और प्रधान सचिव श्रीमती कला रामचंद्रन प्रमुख रूप से शामिल रहे।