चंडीगढ़, 16 मई: राजस्थान राज्य के सरकारी और RTE के तहत निजी स्कूलों में पढ़ने वाले उन होनहार छात्रों को अब NEET और JEE की कोचिंग फ्री में दी जाएगी, जो आर्थिक तंगी के कारण अच्छे संस्थानों में पढ़ाई का सपना नहीं देख पाते।
सरकार हर साल 1,000 छात्रों का चयन करेगी और उन्हें जयपुर के प्रतिष्ठित स्कूलों और कोचिंग संस्थानों में एडमिशन दिलवाकर रहने, खाने और पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी उठाएगी।
कौन होंगे लाभार्थी?
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वे छात्र जिन्होंने 10वीं बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए हों
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आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS)
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सरकारी स्कूल या RTE से पढ़ाई करने वाले छात्र
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राज्य बोर्ड के साथ-साथ सभी मान्यता प्राप्त बोर्डों के छात्र पात्र होंगे
योजना के प्रमुख बिंदु:
सुविधा | विवरण |
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कोचिंग | JEE और NEET की तैयारी, देश के प्रतिष्ठित संस्थानों से |
आवास | जयपुर में हॉस्टल सुविधा |
भोजन | निशुल्क भोजन की व्यवस्था |
स्कूली पढ़ाई | जयपुर के स्कूलों में 11वीं में एडमिशन |
कंप्यूटर शिक्षा | साथ में डिजिटल स्किल्स की ट्रेनिंग |
खर्च | ₹2 लाख प्रति छात्र सालाना |
चयन प्रक्रिया | शिक्षा विभाग के ज़रिए, जिला स्तर से शुरुआत |
प्रचार | स्कूलों और जिलों में व्यापक अभियान के ज़रिए |
बड़े कोचिंग संस्थानों से सहयोग
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कोटा और सीकर के प्रतिष्ठित संस्थानों से बातचीत जारी
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योजना यह है कि छात्रों को जयपुर में रखकर उन्हीं कोचिंग संस्थानों के शाखाओं या संकाय के ज़रिए तैयारी कराई जाएगी
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इससे छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन अपने राज्य में ही मिल सकेगी
कब से लागू होगी योजना?
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शैक्षणिक सत्र 2025 से लागू करने की तैयारी
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शिक्षा विभाग को राज्य सरकार से मंजूरी मिल चुकी है
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अब केवल वित्त विभाग की अंतिम स्वीकृति बाकी है
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जल्द ही स्कूल, हॉस्टल और कोचिंग सेंटर का चयन कर लिया जाएगा
पृष्ठभूमि और महत्व
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IIT मद्रास की 2024 रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान से सबसे ज्यादा छात्र JEE और NEET की तैयारी करते हैं
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देशभर में हर साल 30 लाख छात्र इन परीक्षाओं में शामिल होते हैं
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अकेले कोटा में 2.5 लाख छात्र रहते हैं और कोचिंग करते हैं
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इस योजना से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को भारी राहत मिलेगी और प्रतिभा को अवसर मिलेगा
योजना क्यों है खास?
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राजस्थान पूरे देश में ऐसा करने वाला पहला राज्य बन सकता है
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केंद्र सरकार की योजना CBSE/CISCE बोर्ड तक सीमित है, जबकि राजस्थान की योजना सभी बोर्ड के लिए खुली रहेगी
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नामांकन बढ़ाने के लिए उन स्कूलों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां वर्तमान में नामांकन कम है
मंत्री मदन दिलावर का बयान:
“हमारा उद्देश्य है कि कोई भी प्रतिभाशाली छात्र सिर्फ पैसों की वजह से अपने सपने से समझौता न करे। इस योजना से हम उन्हें सिर्फ कोचिंग नहीं, बल्कि बेहतर भविष्य देने का रास्ता भी दे रहे हैं।”