चंडीगढ़, 2 मई: हरियाणा में आधारभूत विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज क्वालिटी एश्योरेंस अथॉरिटी द्वारा तैयार की गई मानक संचालन विधियां एवं प्रक्रियाएं (एसओएमपी) का औपचारिक विमोचन किया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य राज्य में मजबूत, टिकाऊ और दीर्घकालिक अवसंरचना परियोजनाओं को सुनिश्चित करना है, जो न केवल वर्तमान की जरूरतों को पूरा करें, बल्कि भविष्य की आवश्यकताओं का भी सफलतापूर्वक सामना कर सकें।
चंडीगढ़ में आयोजित क्वालिटी एश्योरेंस कॉन्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दस्तावेज मात्र एक सरकारी रिपोर्ट नहीं, बल्कि एक दीर्घदर्शी दृष्टिकोण है, जो विकास के हर चरण में गुणवत्ता को मूलभूत आधार बनाएगा। इस दस्तावेज के ज़रिए अब हरियाणा सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य में किया जाने वाला हर निर्माण कार्य अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरे।
हरियाणा का पहला राज्य स्तरीय गुणवत्ता प्राधिकरण
मुख्यमंत्री सैनी ने गर्व के साथ बताया कि हरियाणा भारत का पहला ऐसा राज्य है जिसने क्वालिटी एश्योरेंस अथॉरिटी जैसी संस्था की स्थापना की है। यह संस्था विशेष रूप से बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करती है और इसके मॉड्यूल की प्रशंसा देशभर में की जा रही है। अन्य राज्य और केंद्रीय संस्थाएं भी इस मॉडल का अध्ययन कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “गुणवत्ता एक ऐसी विशेषता है, जो तब भी निभाई जाती है जब कोई देख नहीं रहा होता।” इस कथन से उन्होंने यह संदेश दिया कि गुणवत्ता कोई विकल्प नहीं, बल्कि आदत होनी चाहिए — एक ऐसी आदत, जो शासन और प्रशासन के हर स्तर पर दिखाई दे।
एसओएमपी दस्तावेज का महत्व
मुख्यमंत्री ने विस्तार से बताया कि एसओएमपी यानी Standard Operating Methods and Procedures सिर्फ कागजी प्रक्रिया नहीं, बल्कि सरकारी विभागों, इंजीनियरों, ठेकेदारों और नीति निर्माताओं के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं। इन दस्तावेजों में निर्माण कार्यों की योजना, डिजाइन, सामग्री चयन, निरीक्षण, सुरक्षा मापदंड और पर्यावरणीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कार्य करने की सटीक प्रक्रिया दी गई है।
एसओएमपी की तुलना विमानन और स्वास्थ्य क्षेत्र से करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे विमानन में SOPs ने दुर्घटनाओं को घटाया, वैसे ही निर्माण कार्यों में भी गुणवत्ता की सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि ये दस्तावेज़ निर्माण क्षेत्र के लिए “सिक्स सिग्मा” जैसे मानक बन सकते हैं।
विकसित भारत की ओर बढ़ते हरियाणा की दृष्टि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” के सपने के साथ कदमताल करते हुए मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि आज का हरियाणा न केवल तेज़ गति से विकास कर रहा है, बल्कि उस विकास की गुणवत्ता भी सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अधूरे और घटिया निर्माण कार्य, न बनने से भी ज्यादा नुकसानदायक होते हैं। इसलिए, हर कार्य को वैज्ञानिक और सुनियोजित ढंग से, गुणवत्ता के मानकों पर किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
अनुसंधान एवं विकास केंद्र की स्थापना का ऐलान
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जल्द ही एक अनुसंधान एवं विकास केंद्र (R&D Center) स्थापित किया जाएगा, जो भारतीय निर्माण संदर्भों में वैश्विक सर्वोत्तम प्रक्रियाओं पर शोध करेगा और उन्हें हरियाणा में लागू करेगा। यह संस्थान इंजीनियरों के प्रशिक्षण, कार्यशालाओं और डिजिटल सामग्री के जरिए संपूर्ण निर्माण प्रणाली को नया आयाम देगा।
निजी परियोजनाओं तक बढ़ेगा प्राधिकरण का दायरा
सरकार की योजना है कि क्वालिटी एश्योरेंस प्राधिकरण को अब निजी अवसंरचना परियोजनाओं जैसे टाउनशिप, निजी भवन, औद्योगिक पार्क और सार्वजनिक-निजी साझेदारी योजनाओं तक भी विस्तारित किया जाए। इससे न केवल गुणवत्ता नियंत्रण सार्वजनिक परियोजनाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आम नागरिकों और निवेशकों का भरोसा भी और अधिक मजबूत होगा।
पंचायत विभाग को भी मिलेगा लाभ
विकास एवं पंचायत मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार ने बताया कि राज्य में चल रही 70 हजार से अधिक ग्रामीण सड़कों की देखरेख और 6000 से अधिक प्रदूषित तालाबों के कायाकल्प में क्वालिटी एश्योरेंस अथॉरिटी अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि समय पर प्रोजेक्ट्स पूरे हों और री-टेंडरिंग की आवश्यकता न पड़े, यह तभी संभव होगा जब गुणवत्ता की सख्त निगरानी की जाए।
लोक निर्माण मंत्री की प्रेरणादायक बात
लोक निर्माण मंत्री श्री रणबीर गंगवा ने सम्मेलन में कहा कि “हमारे लिए बुनियादी ढांचा केवल ईंट और पत्थर नहीं, बल्कि जनता का विश्वास है।” उन्होंने कहा कि हरियाणा को विकसित भारत के मानचित्र में मजबूत उपस्थिति दर्ज करानी है, और इसके लिए गुणवत्ता आधारित परियोजनाओं का समय पर निष्पादन अनिवार्य है।
चेयरमैन राजीव अरोड़ा का तकनीकी दृष्टिकोण
क्वालिटी एश्योरेंस अथॉरिटी के चेयरमैन श्री राजीव अरोड़ा ने कहा कि संस्था ने इंजीनियरों के प्रशिक्षण, गुणवत्ता निरीक्षण, जोखिम प्रबंधन और उत्तरदायित्व की स्पष्ट परिभाषा की दिशा में कई कार्य किए हैं। उन्होंने बताया कि अथॉरिटी ने पिछले एक महीने में 80 इंजीनियरों को प्रशिक्षित किया है और अगली योजना में 80 और को प्रशिक्षण देने की योजना है।