मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की दिशा-निर्देश के तहत पंजाब पुलिस ने राज्य को सुरक्षित बनाने के अपने प्रयासों को और मजबूत करते हुए सोमवार को विशेष ऑपरेशन ‘OPERATION SEAL-8’ शुरू किया।
इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य पंजाब की सीमाओं पर नशा और शराब तस्करी पर काबू पाना और
हरियाणा तथा जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए
गैंगस्टरों और समाज विरोधी तत्वों की गतिविधियों पर नज़र रखना था।
OPERATION SEAL-8 को पुलिस महानिदेशक
‘ऑपरेशन सील-8’ को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के निर्देश पर सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलाया गया।
इस विशेष अभियान के तहत, पंजाब के सीमावर्ती जिलों में 92 प्रवेश और निकासी बिंदुओं को सील कर दिया गया।
पुलिस ने 4245 वाहनों की जांच की,
जिनमें से 293 वाहनों के चालान किए गए और 16 वाहनों को जब्त कर लिया गया।
डीजीपी कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने…
विशेष डीजीपी कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने बताया कि सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) को नाकाबंदी को
प्रभावी बनाने के लिए सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के समकक्ष अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए थे।
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जिलों में स्थित रणनीतिक स्थानों पर संयुक्त नाका ऑपरेशन चलाने के लिए
1000 से अधिक पुलिसकर्मियों की टीम तैनात की गई थी।
पंजाब के 10 सीमावर्ती जिलों में, जिसमें पठानकोट, श्री मुक्तसर साहिब, फाजिल्का, रोपड़,
एसएएस नगर, पटियाला, संगरूर, मानसा, होशियारपुर और बठिंडा शामिल हैं,
इन 92 एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर इंस्पेक्टरों और डीएसपी की निगरानी में मजबूत नाके लगाए गए।
इन नाकों पर वाहनों और व्यक्तियों की बारीकी से जांच की गई और ‘वाहन’ मोबाइल ऐप का उपयोग करके वाहनों के पंजीकरण नंबरों की पुष्टि की गई।
अर्पित शुक्ला ने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने 1.1 किलोग्राम अफीम, 29 किलोग्राम भुक्की,
42 किलोग्राम नशीला पाउडर, 1070 नशीली कैप्सूल और गोलियां, साथ ही बड़ी मात्रा में अवैध और वैध शराब भी बरामद की।
इसके अलावा, पुलिस ने 27 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया और 26 एफआईआर दर्ज कीं।
401 संदिग्ध व्यक्तियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।
पुलिस टीमों को निर्देशित किया गया था कि वे जांच के दौरान आने-जाने वाले सभी व्यक्तियों के साथ शालीनता से पेश आएं और आम जनता को न्यूनतम असुविधा दें।
इस प्रकार के ऑपरेशन न केवल पुलिस की क्षेत्रीय उपस्थिति को दर्शाते हैं
बल्कि समाज विरोधी तत्वों में डर पैदा करने और आम लोगों में सुरक्षा की भावना को भी मजबूत करते हैं।