चंडीगढ़, 26 मई: पंजाब सरकार ने आम नागरिकों को राहत देने के लिए एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी पहल की है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज राज्य की पहली डिजिटल और नागरिक केंद्रित रजिस्ट्री प्रणाली का शुभारंभ किया। इसे ‘ईज़ी रजिस्ट्री सिस्टम’ नाम दिया गया है और इसकी शुरुआत एसएएस नगर मोहाली से की गई है। इस नई व्यवस्था के अंतर्गत अब जमीन या संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए आम नागरिकों को लंबी कतारों, एजेंटों या रिश्वतखोरी जैसी समस्याओं से गुजरने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
नागरिकों को मिलेगी डिजिटल पारदर्शिता और समय की बचत
मुख्यमंत्री मान और केजरीवाल ने इसे पंजाब के इतिहास में प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में सबसे बड़ा कदम बताया है। इस प्रणाली के तहत नागरिकों को अब सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में जाने के लिए पहले से समय तय करने का विकल्प मिलेगा और वे जिले के किसी भी उप-पंजीयक कार्यालय में अपनी रजिस्ट्री करवा सकेंगे।
अब तक जो काम हफ्तों और महीनों में होता था, वह केवल 48 घंटे में पूरा होगा। पहले दस्तावेज़ों की पूर्व जांच होगी और फिर नागरिक को समय देकर उसी दिन निर्धारित स्लॉट में रजिस्ट्री हो जाएगी।
व्हाट्सएप के जरिए जानकारी और शिकायतें – पूरी प्रक्रिया मोबाइल पर
रजिस्ट्री प्रक्रिया से जुड़ी हर जानकारी नागरिकों को अब उनके मोबाइल पर मिलेगी। व्हाट्सएप के जरिए सभी सूचनाएं भेजी जाएंगी – जैसे कि दस्तावेज़ों की स्थिति, अपॉइंटमेंट का समय, फीस का भुगतान और रजिस्ट्री की पुष्टि। यही नहीं, यदि किसी अधिकारी द्वारा रिश्वत की मांग की जाती है या कोई प्रक्रिया में अनावश्यक देरी करता है, तो नागरिक उसी व्हाट्सएप नंबर पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसी शिकायतों पर त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई होगी।
डिजिटल भुगतान से खत्म हुआ कैश सिस्टम और दलालों का बोलबाला
अब स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क का भुगतान ऑनलाइन गेटवे के माध्यम से किया जा सकता है। नागरिकों को बैंकों में जाकर डिमांड ड्राफ्ट बनवाने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे न केवल समय बचेगा, बल्कि नकदी रखने और उसके खोने की चिंता भी समाप्त होगी।
“ड्राफ्ट माय डीड” नामक टूल के माध्यम से लोग अपनी सेल डीड (बिक्री दस्तावेज़) खुद बना सकते हैं या फिर सेवा केंद्र या अधिकृत सेवा सहायकों से मदद ले सकते हैं, वह भी तय और नाममात्र फीस पर।
सेवा सहायक सीधे घर पर, ग्रामीण और बुजुर्गों को विशेष राहत
रजिस्ट्री कराने की प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने के लिए 1076 हेल्पलाइन के ज़रिए सेवा सहायकों को घर बुलाया जा सकता है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों, बुजुर्गों, महिलाओं और व्यस्त कामकाजी लोगों के लिए यह सुविधा वरदान साबित होगी।
अब दस्तावेज़ तैयार करने के लिए एजेंटों के चक्कर काटने या मोटी फीस देने की जरूरत नहीं है। सरकारी शुल्क तय हैं, और ‘कैलकुलेट माय फीस’ पोर्टल से नागरिक पहले ही अपना पूरा खर्च अनुमानित कर सकते हैं।
सब-रजिस्ट्रार की एकाधिकार प्रणाली समाप्त – ‘जित्थों चाहो, रजिस्ट्री करवाओ’
सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों की पूर्व निर्धारित सीमाओं को खत्म कर दिया गया है। नागरिक अब अपने जिले के किसी भी कार्यालय में रजिस्ट्री करवा सकते हैं, जिससे सरकारी दफ्तरों में एकाधिकार की संस्कृति समाप्त होगी और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
1 अगस्त से पूरे पंजाब में लागू होगी व्यवस्था
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि 15 जुलाई से यह प्रणाली पंजाब के सभी जिलों में ट्रायल के तौर पर शुरू कर दी जाएगी और 1 अगस्त से यह पूरी तरह राज्य भर में लागू हो जाएगी। मोहाली में इसकी सफल शुरुआत हो चुकी है और अन्य जिलों को भी इसी तरह डिजिटल सेवाओं से जोड़ा जाएगा।
भ्रष्टाचार पर लगाम और जवाबदेही की ठोस व्यवस्था
नई व्यवस्था में यदि दस्तावेजों में कोई कमी या त्रुटि पाई जाती है, तो नागरिक को पहले से मोबाइल संदेश के माध्यम से सूचना मिल जाएगी। अगर कोई अधिकारी जानबूझकर बाधा उत्पन्न करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, वरिष्ठ अधिकारी जैसे डिप्टी कमिश्नर और एसडीएम इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी और सत्यापन करेंगे।
नया युग – नागरिकों के अधिकारों की रक्षा, सरकार की जवाबदेही
मुख्यमंत्री भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल ने इस प्रणाली को एक नए युग की शुरुआत बताया है, जहां नागरिक अपने अधिकारों को जानकर खुद रजिस्ट्री प्रक्रिया में भागीदार बन सकते हैं। यह कदम केवल एक नई सेवा नहीं, बल्कि प्रशासन की सोच में बदलाव का प्रतीक है।
इस पहल को पूरे देश के लिए एक मॉडल बताया जा रहा है, जो आने वाले समय में अन्य राज्यों में भी लागू हो सकता है। पंजाब सरकार ने यह साबित कर दिया है कि राजनीति से परे जाकर जब नीयत और तकनीक मिलती है, तो आम जनता को असली लाभ मिल सकता है।