Punjab High Court: Punjab और Haryana High court ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि यदि कोई कर्मचारी सेवा में कम से कम 6 महीने के लिए रहता है तो उसे वार्षिक वृद्धि दी जानी चाहिए। वर्तमान में, याचिककर्ता ने अपनी आयु सीमा पूरी करने के बाद सेवा समाप्त की, लेकिन उसको उसकी अंतिम 9 महीने की सेवा के लिए वृद्धि और पेंशन के लाभ नहीं दिए गए थे। न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा और न्यायाधीश सुदीप्ति शर्मा की विभाजन बेंच ने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट और High court के पूर्व आदेशों का हवाला दिया।
विभाजन बेंच ने कहा कि कर्मचारी के सेवानिवृत्ति के बाद उसके लिए एक अधिनियम होता है और उसके बाद लाभ प्रदान किया जाता है। याचिकाकर्ता डॉ. नरेश कुमार गोयल, फतेहाबाद के निवासी, जो जून 1981 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में नियुक्त हुए थे, उन्होंने अपनी सेवाएं पूरी करने के बाद सिविल सर्जन के रूप में सेवा समाप्त की। राज्य सरकार ने 31 दिसंबर 2012 को सेवानिवृत्ति प्रदान की। याचिका में यह कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, अगर कोई अंतिम वर्ष में 6 महीने कार्य करता है तो उसे वार्षिक वृद्धि मिलनी चाहिए।
याचिकाकर्ता ने अपनी नौ महीने की सेवा की। विभाजन बेंच ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और उत्तर मांगा और राज्य सरकार ने इसे स्वीकार किया। विभाजन बेंच ने इस मामले में अप्रैल इस वर्ष हाईकोर्ट के आदेश को लागू किया जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी शामिल किया गया था। राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग को इस मामले में पिछले आदेश को लागू करके सेवानिवृत्ति लाभों को तीन महीने के अंदर संशोधित करने के लिए आदेश दिया गया। याचिकाकर्ता ने ब्याज की मांग की थी, जिसे विभाजन बेंच ने अस्वीकार किया।