जाब ने कृषि बुनियादी ढांचा फंड (AIF ) योजना के तहत वर्ष 2023-24 के लिए “सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य” का पुरस्कार जीतकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की है।
AIF एक्सीलेंस अवार्ड समारोह के दौरान
यह पुरस्कार केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा नेशनल एग्रीकल्चर साइंस कॉम्प्लेक्स,
नई दिल्ली में आयोजित ए.आई.एफ एक्सीलेंस अवार्ड समारोह के दौरान प्रदान किया।
बाग़वानी मंत्री श्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने पूरी AIF टीम को बधाई दी
बाग़वानी मंत्री श्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने इस महत्वपूर्ण सम्मान को लेकर विभाग के अधिकारियों और पूरी ए.आई.एफ टीम को बधाई दी
और इस योजना को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के प्रयासों की सराहना की।
मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि पंजाब द्वारा किए गए शानदार विकास ने राज्य को इस पुरस्कार का हकदार बना दिया।
मंत्री श्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा को उनके कार्यालय में बाग़वानी निदेशक
आज, बाग़वानी मंत्री श्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा को उनके कार्यालय में बाग़वानी निदेशक श्रीमती शैलिंदर कौर,
संयुक्त निदेशक श्री तजिंदर बाजवा, उप निदेशक हरप्रीत सिंह और ए.आई.एफ टीम लीडर श्रीमती रवदीप कौर द्वारा यह पुरस्कार सौंपा गया।
यह पुरस्कार पंजाब के लिए एक महत्वपूर्ण मान्यता है और राज्य सरकार की कृषि क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता प्रदान करता है।
कैबिनेट मंत्री श्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने उन्नति की जानकारी देते हुए कहा
कैबिनेट मंत्री श्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने पंजाब द्वारा इस योजना के तहत किए गए उन्नति की जानकारी देते हुए कहा
कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में केवल 164 परियोजनाओं को मंज़ूरी दी गई थी। लेकिन, बाग़वानी विभाग की योजनाबंदी और
परियोजना निगरानी इकाई (पी.एम.यू) की शुरूआत के साथ इस आंकड़े ने अगले वर्ष में तेजी से वृद्धि की।
वित्तीय वर्ष 2022-23 तक राज्य ने 3,480 परियोजनाओं को मंज़ूरी दी,
जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग चार गुना बढ़कर 12,064 तक पहुंच गई।
अगस्त 2024 तक, स्वीकृत परियोजनाओं की कुल संख्या 16,680 तक पहुंच चुकी है।
इन परियोजनाओं के तहत कृषि बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 6,626 करोड़ रुपये का विशाल निवेश किया गया।
बैंकों ने कुल 3,941 करोड़ रुपये के मियादी कर्ज़ स्वीकृत किए,
जो पंजाब में कृषि क्षेत्र के सुधार के प्रति एक ठोस वित्तीय प्रतिबद्धता का संकेत है।
परियोजनाओं में कस्टम हायरिंग सेंटर, प्राथमिक प्रोसेसिंग सेंटर, छंटाई इकाई, कोल्ड स्टोरेज, और सोलर पैनल जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे शामिल हैं।
पंजाब सरकार के रणनीतिक सहयोग से इस योजना को आगे बढ़ाया
बाग़वानी मंत्री श्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा के नेतृत्व और श्री के.ए.पी. सिन्हा, विशेष मुख्य सचिव,
पंजाब सरकार के रणनीतिक सहयोग से इस योजना को पंजाब में सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है।
पंजाब में इस योजना के 70 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी किसान हैं, जो इसके प्रभावी क्रियान्वयन को दर्शाता है।
कैबिनेट मंत्री ने इस उपलब्धि को पंजाब की अग्रणी भूमिका के रूप में पेश किया,
जो योजना के लाभ को कृषि समुदाय तक पहुंचाने में राज्य की विशेष भूमिका को उजागर करता है।
निदेशक बाग़वानी श्रीमती शैलिंदर कौर ने बताया कि अब प्रधानमंत्री कुसुम कंपोनेंट-ए और
एकीकृत प्राथमिक-सेकेंडरी प्रोसेसिंग परियोजना भी विस्तारित ए.आई.एफ योजना के तहत योग्य गतिविधियाँ हैं।
लाभार्थी अब मशरूम की खेती, पॉलीहाउस/ग्रीनहाउस, वर्टिकल फार्मिंग,
हाइड्रोपोनिक और एरोपोनिक फार्मिंग जैसी आधुनिक परियोजनाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इस विस्तार से राज्य में किसानों और उद्यमियों के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों और बुनियादी ढांचे को अपनाने के अधिक अवसर मिलेंगे।
उम्मीद जताई जा रही है कि पंजाब के किसान ए.आई.एफ योजना का लाभ निरंतर लेते रहेंगे,
जिससे यह योजना और भी अधिक लाभकारी बन सकेगी।