चंडीगढ़, 20 फरवरी: भारत में हर साल लगभग 35 लाख बच्चे समय से पहले जन्म लेते हैं, जिनमें से 3.5 लाख नवजात उचित इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं। वहीं, 12% बच्चे लो बर्थ वेट (कम वजन) के कारण विकलांगता और अन्य जटिलताओं का शिकार हो जाते हैं। इस गंभीर समस्या को देखते हुए, 7626979675 नंबर पर प्री-टर्म बेबी हेल्पलाइन जारी की गई है, जो माता-पिता को मार्गदर्शन प्रदान करेगी और नवजात की सही देखभाल सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
ईश्वरीय करिश्मे का उदाहरण – मां की आपबीती
आज चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस वार्ता में, एक मां ने अपने प्री-मेच्योर बच्चे को बचाने के संघर्ष की कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे अस्पताल की लापरवाही और जानकारी के अभाव में उनके बच्चे की हालत बिगड़ती चली गई, लेकिन सही समय पर सही फैसले लेने से उसका जीवन बचाया जा सका।
उन्होंने बताया कि उनका बेटा मात्र 31वें हफ्ते में 1420 ग्राम वजन के साथ पैदा हुआ था। लेकिन अस्पताल में गलत देखभाल और लापरवाही के कारण उसकी आंतों में 5 छेद हो गए। जब उनकी स्थिति बिगड़ने लगी, तो उन्होंने “मदरहुड अस्पताल” की एम्बुलेंस ऑन व्हील्स की मदद से उसे वेंटिलेटर सपोर्ट के साथ वहां शिफ्ट करवाया।
60 दिन की जंग के बाद बच्चा स्वस्थ
मदरहुड अस्पताल में डॉक्टरों की कड़ी मेहनत, सर्जरी और विशेषज्ञ देखभाल के कारण बच्चा लगभग 60 दिन बाद पूरी तरह स्वस्थ हो गया और अब सामान्य जीवन बिता रहा है। इस घटना से सीख लेते हुए, माता-पिता ने शपथ ली कि वे अन्य माता-पिता को जागरूक करेंगे और उन्हें समयपूर्व जन्मे शिशुओं के सही इलाज और अस्पताल के चयन को लेकर मार्गदर्शन देंगे।
हेल्पलाइन से कैसे मिलेगी मदद?
7626979675 पर शुरू की गई प्री-टर्म बेबी हेल्पलाइन का उद्देश्य है:
✔ छोटे शहरों और कस्बों में रहने वाले माता-पिता को जागरूक करना।
✔ समयपूर्व जन्मे बच्चों के लिए सही अस्पताल और नियोनेटल ICU सुविधाओं की जानकारी देना।
✔ संभावित खतरों, बचाव और सही चिकित्सा परामर्श प्रदान करना।
✔ ऐसे मामलों में माता-पिता को जल्द से जल्द निर्णय लेने के लिए गाइड करना।
नवजात जीवनरक्षा के लिए जागरूकता जरूरी
विशेषज्ञों का मानना है कि समय से पूर्व जन्मे (प्री-मेच्योर) बच्चों को बचाने के लिए सबसे जरूरी है कि उन्हें तुरंत नियोनेटल ICU (NICU) युक्त अस्पताल में भर्ती कराया जाए। कई बार माता-पिता अनजान होते हैं और वे सही अस्पताल या इलाज में देरी कर देते हैं, जिससे नवजात की स्थिति और बिगड़ जाती है। अगर सही समय पर उचित चिकित्सा मिल जाए तो प्री-मेच्योर बच्चों की जान बचाई जा सकती है।
मदरहुड अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टरों के अनुसार, प्री-मेच्योर बच्चों के लिए विशेष देखभाल जरूरी होती है, जिसमें एडवांस नियोनेटल सपोर्ट, वेंटिलेटर सुविधा और अनुभवी डॉक्टरों की टीम शामिल हो। इसीलिए, माता-पिता को पहले से ही इन सुविधाओं की जानकारी होनी चाहिए ताकि वे किसी भी आपात स्थिति में सही फैसला ले सकें।
हेल्पलाइन से जागरूकता अभियान को मिलेगा बल
नवजात की जान बचाने के इस अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए, 7626979675 पर शुरू की गई हेल्पलाइन न सिर्फ जानकारी देगी, बल्कि जरूरतमंद परिवारों को सही समय पर सही फैसले लेने में भी मदद करेगी।
✔ समयपूर्व जन्मे बच्चों के लक्षण और संभावित समस्याओं की जानकारी।
✔ बच्चे की हालत बिगड़ने पर क्या करें और कहां जाएं, इसकी गाइडलाइन।
✔ छोटे शहरों और कस्बों में माता-पिता के लिए सही अस्पतालों की सूची।
✔ NICU युक्त अस्पतालों की पहचान और वहां मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी।
✔ अनुभवी डॉक्टरों और विशेषज्ञों से परामर्श और मार्गदर्शन।
माता-पिता की अपील – सही जानकारी से ही बच सकती हैं नन्हीं जिंदगियां
अपने बच्चे के जीवन के लिए संघर्ष करने वाली रजनी बाला और उनके परिवार ने कहा कि अगर उन्हें समय पर सही जानकारी मिलती तो वे पहले ही बेहतर इलाज के लिए सही अस्पताल का चयन कर सकते थे। उन्होंने इस अभियान को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया और सभी माता-पिता से अपील की कि अगर आपका बच्चा समय से पहले जन्म लेता है तो बिना देरी किए उसे एक अच्छे नियोनेटल ICU युक्त अस्पताल में भर्ती कराएं।
समय पर सही निर्णय लें, ताकि हर नवजात को मिले जीवन का अधिकार
भारत में हर साल लाखों नवजात समय से पहले जन्म लेते हैं, लेकिन सही इलाज की जानकारी के अभाव में कई बच्चे असमय दम तोड़ देते हैं। इसीलिए, यह हेल्पलाइन एक बड़ा कदम है, जो माता-पिता को जागरूक करके नन्हीं जिंदगियों को बचाने में मदद करेगी।