रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे पीएम मोदी – ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार देंगे संदेश!

चंडीगढ़, 12 मई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे। यह संबोधन इसलिए बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि यह हाल ही में भारत द्वारा संचालित ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद हो रहा है — एक ऐसा सैन्य अभियान जिसने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें सफलतापूर्वक नष्ट किया।

साथ ही यह संबोधन उस वक्त आ रहा है जब भारत और पाकिस्तान ने ज़मीन, हवा और समुद्र — तीनों मोर्चों पर सैन्य हमलों को रोकने के लिए सीज़फायर समझौते पर भी सहमति जताई है।

क्या था ऑपरेशन सिंदूर? – साहस, रणनीति और स्पष्ट संदेश

ऑपरेशन सिंदूर भारत की ओर से 7 मई 2025 को शुरू किया गया एक निर्णायक सैन्य अभियान था। इस ऑपरेशन में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान और PoK में मौजूद 7 बड़े आतंकवादी अड्डों को निशाना बनाकर उन्हें नष्ट कर दिया।

 ऑपरेशन के उद्देश्य:

  • सीमा पार से आतंकवाद को जड़ से खत्म करना

  • आतंकियों के लॉन्‍च पैड को ध्वस्त करना

  • पाकिस्तान को एक स्पष्ट चेतावनी देना कि भारत अब ‘पहले सहन, फिर जवाब’ की नीति नहीं अपनाएगा

 ऑपरेशन की विशेषताएं:

  • सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक दोनों तरीकों का उपयोग

  • सेना, वायुसेना और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई

  • सीमावर्ती राज्यों में ब्लैकआउट और हाई अलर्ट मोड की स्थिति

भारत-पाक समझौता: शांति की तरफ एक कदम?

ऑपरेशन सिंदूर के कुछ ही दिनों बाद भारत और पाकिस्तान ने सीमित सुलह का संकेत देते हुए जमीन, वायु और समुद्री हमलों को रोकने पर सहमति जताई है। यह समझौता दोनों देशों के डायरेक्टोर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) के बीच गोपनीय वार्ता के बाद हुआ।

संभावित संदेश में मोदी क्या कह सकते हैं:

  • ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का राष्ट्रीय आकलन

  • पाकिस्तान को सख्त चेतावनी और वैश्विक समर्थन का ज़िक्र

  • आम नागरिकों को सुरक्षा और स्थिरता का आश्वासन

  • भारत की रणनीति: शांति की पहल, पर जवाबी कार्रवाई में कोई संकोच नहीं

  • सीमावर्ती क्षेत्रों में हवाई और अन्य प्रतिबंधों की समीक्षा की घोषणा

देश की नजरें आज रात 8 बजे टीवी स्क्रीन पर टिकी होंगी

प्रधानमंत्री का यह संबोधन केवल सैन्य मोर्चे तक सीमित नहीं रहेगा; यह भारत की वैश्विक छवि, राष्ट्रीय सुरक्षा, राजनयिक स्थिति और आंतरिक स्थिरता का भी प्रतीक हो सकता है। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह मोदी सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर रणनीतिक सोच को जनता तक पहुंचाने का अवसर है।