प्लास्टर तकनीशियन ने क्लबफुट (सीटीवी) के मामलों में पेश की मिसाल: DEIC का सराहनीय योगदान

Clubfoot : विश्व विकलांगता दिवस के अवसर पर सेक्टर-6 स्थित जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र (डीईआईसी) ने विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर केंद्र की सेवाओं और पेशेवरों के महत्वपूर्ण योगदान पर चर्चा की।
उप-नागरिक सर्जन डॉ. शिवानी ने इस मौके पर केंद्र में इलाजरत मरीजों को अल्पाहार वितरित किया
और डीईआईसी द्वारा विकलांगता उन्मूलन में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

Clubfoot के मामलों में प्रभावी उपचार

डॉ. शिवानी ने बताया कि क्लबफुट (सीटीवी) एक गंभीर स्थिति है,
जिसमें पैर की हड्डियों और मांसपेशियों की संरचना असामान्य हो जाती है,
जिससे चलने-फिरने में कठिनाई होती है।
डीईआईसी में प्लास्टर तकनीशियन ने इस विकलांगता का सफलतापूर्वक इलाज किया है।
•प्लास्टर कास्टिंग: प्लास्टर तकनीशियन ने क्लबफुट से प्रभावित बच्चों के लिए कास्टिंग विधि का उपयोग किया, जो पैर की हड्डियों और मांसपेशियों को सही स्थिति में लाने में सहायक है।
•ऑर्थोटिक्स उपकरण: बच्चों के लिए विशेष ऑर्थोटिक्स उपकरण तैयार किए गए,
जो हड्डियों को स्थिरता और सही दिशा में रखकर विकलांगता दूर करने में मदद करते हैं।
•फिजियोथेरेपी का समावेश: फिजियोथेरेपिस्ट के सहयोग से बच्चों की मांसपेशियों को मजबूत किया गया और उनकी गति सुधारने में मदद मिली।

अन्य विकारों में भी उत्कृष्ट सेवाएं

डीईआईसी में विभिन्न प्रकार के विकारों जैसे स्पीच और भाषा विकार, शारीरिक विकलांगता,
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं और विशेष शिक्षा की जरूरतों वाले बच्चों को समग्र देखभाल प्रदान की जा रही है।
भाषा और वाणी चिकित्सा: स्पीच थैरेपिस्ट ने बच्चों को बोलने और समझने में हो रही परेशानियों को दूर करने में मदद की।
बच्चों के मानसिक विकास और आचरण को बेहतर बनाने के लिए मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन और उपचार सेवाएं दी गईं।
Sakshi Dutt:

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