ये थी Plane Crash की असली वजह: पायलट की आखिरी चेतावनी ने खोली तकनीकी खराबी की परतें!

चंडीगढ़, 14 जून: अहमदाबाद में हाल ही में हुआ विमान हादसा भारत के सबसे भयावह और दर्दनाक हवाई दुर्घटनाओं में से एक बन गया है। इस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हादसे में अब तक कुल 275 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें विमान में सवार यात्री और अहमदाबाद के बी.जे. मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की इमारत में मौजूद छात्र और चिकित्सक शामिल हैं।

विमान हादसे के केंद्र में पायलट की आखिरी आवाज — चेतावनी, डर और बेबसी का मिला-जुला स्वर

हादसे की सबसे चौंकाने वाली और दिल दहला देने वाली बात यह रही कि पायलट सुमित सभरवाल की आखिरी रेडियो कॉल सामने आ चुकी है। यह कॉल हादसे से कुछ सेकंड पहले एयर ट्रैफिक कंट्रोल को भेजी गई थी। बेहद संक्षिप्त, लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण इस संदेश में पायलट की आवाज कांपती हुई सुनाई देती है। उनका संदेश था:

मेडे… मेडे… थ्रस्ट नहीं मिल रहा, पावर कम हो रही है… प्लेन उठ नहीं रहा… नहीं बचेंगे…

इस चेतावनी भरे संदेश ने यह साफ कर दिया कि हादसा किसी मानवीय भूल से नहीं बल्कि एक गंभीर तकनीकी खामी के कारण हुआ। पायलट ने आखिरी क्षणों तक विमान को बचाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें पर्याप्त पावर नहीं मिल पाई।

हॉस्टल की इमारत पर गिरा विमान, 34 की मौके पर मौत

इस विमान ने टेकऑफ के केवल 49 सेकंड बाद ही अपना संतुलन खो दिया और पास स्थित बी.जे. मेडिकल कॉलेज की हॉस्टल इमारत पर आकर गिर पड़ा। हादसे के समय उस इमारत में करीब 60 से ज्यादा लोग मौजूद थे। इनमें से 34 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। बाकी गंभीर रूप से घायल लोगों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में जारी है।

दर्दनाक आंकड़े: 275 मौतें, केवल एक यात्री जीवित

इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 12 क्रू मेंबर शामिल थे। अब तक की जानकारी के अनुसार, केवल एक यात्री जीवित बच पाया है। विमान के 241 यात्रियों के साथ-साथ हॉस्टल में जान गंवाने वाले 34 लोगों को मिलाकर मृतकों की कुल संख्या 275 तक पहुंच गई है।

CCTV में कैद हुआ हादसा, टेकऑफ के 49वें सेकंड में गिरा विमान

अहमदाबाद हवाई अड्डे पर लगे CCTV कैमरों में इस दुर्घटना की फुटेज दर्ज हुई है। फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि विमान ने टेकऑफ करने के कुछ ही क्षण बाद असंतुलन का सामना किया और 49वें सेकंड में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

शवों की पहचान जारी, डीएनए परीक्षण तेज़ी से हो रहा

अहमदाबाद सिविल अस्पताल में हादसे में मारे गए लोगों की पहचान के लिए डीएनए सैंपलिंग की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है। अब तक 220 शवों के सैंपल लिए जा चुके हैं, और 7 शवों की पहचान सुनिश्चित की जा चुकी है। हालांकि, कुछ परिवार अब तक सैंपल देने अस्पताल नहीं पहुंच पाए हैं, जिससे कुछ शवों की पहचान लंबित है। अस्पताल में भारी सुरक्षा तैनात है और सिर्फ अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।

पीएम मोदी ने किया घटनास्थल का दौरा, जांच में जुटी 8 एजेंसियां

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह अहमदाबाद पहुंचकर घटनास्थल और सिविल अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात कर संवेदनाएं प्रकट कीं और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

वहीं हादसे की गहराई से जांच के लिए अब तक 8 जांच एजेंसियां सक्रिय हो चुकी हैं:

  • NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी)

  • गुजरात पुलिस

  • AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau)

  • DGCA (Directorate General of Civil Aviation)

  • UK-AAIB (ब्रिटेन की विमान जांच एजेंसी)

  • NTSB (National Transportation Safety Board, USA)

  • FAA (Federal Aviation Administration, USA)

ये सभी एजेंसियां तकनीकी खराबी, सुरक्षा चूक और किसी भी आपराधिक साजिश जैसे हर पहलू से मामले की गहन जांच कर रही हैं।

परिजनों की मांग: दोषियों को मिले सज़ा, सच्चाई सामने आए

विमान में मारे गए रॉजर क्रिश्चियन के माता-पिता ने भावुक होकर मीडिया से कहा:

“हमने अपना बेटा और बहू हमेशा के लिए खो दिए। अब हमारी सिर्फ यही मांग है कि इस हादसे की सच्चाई पूरी दुनिया के सामने आए और जो भी इसके लिए जिम्मेदार हो, उसे सज़ा मिले। हम नहीं चाहते कि भविष्य में कोई और परिवार इस तरह टूटे।”

अभी और सामने आ सकती हैं चौंकाने वाली जानकारियां

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नई जानकारियां सामने आ रही हैं। पायलट का आखिरी संदेश, टेक्निकल रिपोर्ट्स और ब्लैक बॉक्स की जानकारी आने के बाद यह साफ होता जा रहा है कि यह हादसा पूरी तरह से एक तकनीकी खामी का परिणाम था। लेकिन सवाल यह भी उठता है — इस खामी को समय रहते क्यों नहीं पहचाना गया?