पंचकूला में संविधान प्रस्तावना का वाचन और अधिकारियों को दिलाई गई शपथ!

Panchkula News
Panchkula News – भारत के संविधान को अपनाए 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में देशभर में “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
इसी क्रम में, आज पंचकूला के लघु सचिवालय में आयोजित एक बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त निशा यादव ने संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया और अधिकारियों को संविधान की शपथ दिलाई।

समारोह का उद्देश्य:

•संविधान निर्माताओं के योगदान का सम्मान।
•संविधान में निहित मूल्यों को याद कर पुनः दोहराना।
•राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का स्मरण और निष्ठा बनाए रखना।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा, “भारत का संविधान पिछले 75 वर्षों से हमारे लोकतंत्र के लिए एक मार्गदर्शक ढांचे के रूप में कार्य कर रहा है।
इसकी स्थायी विरासत हमारे संस्थापक सिद्धांतों और संवैधानिक मूल्यों को सहेजती है।
” उन्होंने यह भी बताया कि 26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाने के बाद 26 जनवरी 1950 से इसे प्रभावी किया गया।
यह दिन भारतीय लोकतंत्र की नींव का प्रतीक है।

बैठक के प्रमुख बिंदु: Panchkula News 

1.संविधान प्रस्तावना का वाचन: सभी अधिकारियों ने संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया।
2.शपथ ग्रहण: अधिकारियों और कर्मचारियों ने संविधान का सम्मान बनाए रखने
और अपने कार्यों में निष्ठा बनाए रखने की शपथ ली।
3.संविधान की ऐतिहासिक यात्रा: अधिकारियों को संविधान की भूमिका और इसके महत्व के बारे में जानकारी दी गई।

उपस्थित अधिकारी:

इस कार्यक्रम में एसडीएम चंद्रकांत कटारिया, नगराधीश विश्वनाथ, लीड बैंक मैनेजर गजल शर्मा,
एक्सईएन आशीष चौहान, डीईपीआरओ राजेश कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

निशा यादव का संदेश: Panchkula News 

उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अपने कार्य को संविधान के प्रति निष्ठा के साथ करते हुए राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की अपील की।
उन्होंने कहा, “संविधान का सम्मान बनाए रखना
और उसमें निहित मूल्यों को जीवन में उतारना ही इस ऐतिहासिक अवसर का सच्चा उद्देश्य है।”

समारोह का उद्देश्य:

•संविधान निर्माताओं के योगदान का सम्मान।
•संविधान में निहित मूल्यों को याद कर पुनः दोहराना।
•राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का स्मरण और निष्ठा बनाए रखना।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा, “भारत का संविधान पिछले 75 वर्षों से हमारे लोकतंत्र के लिए एक मार्गदर्शक ढांचे के रूप में कार्य कर रहा है।
इसकी स्थायी विरासत हमारे संस्थापक सिद्धांतों और संवैधानिक मूल्यों को सहेजती है।
” उन्होंने यह भी बताया कि 26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाने के बाद 26 जनवरी 1950 से इसे प्रभावी किया गया।
यह दिन भारतीय लोकतंत्र की नींव का प्रतीक है।