Pratap Singh Bajwa: AAP सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग

आम आदमी पार्टी (आप) की अगुवाई वाली पंजाब सरकार द्वारा चालू वित्त वर्ष के लिए 10,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी सीमा की मांग किए जाने के बाद विपक्ष के नेता Pratap Singh Bajwa ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया।

बाजवा ने सुझाव दिया कि पंजाब सरकार को राज्य के सामने मौजूद गंभीर आर्थिक संकट का समाधान निकालने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।

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पंजाब सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्री को एक पत्र भेजकर

बाजवा ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि

पंजाब सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्री को एक पत्र भेजकर वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अतिरिक्त उधारी सीमा की मांग की है।

उन्होंने आरोप लगाया कि “आप सरकार के ढाई साल के शासन के दौरान हुई

वित्तीय अराजकता का खामियाजा हर पंजाबी को भुगतना पड़ा है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनके कैबिनेट सहयोगी, जो घमंड के नशे में चूर हैं,

उन्हें पंजाब और पंजाबियों की कोई परवाह नहीं है।”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि “आप सरकार आम जनता की जेब में छेद करने पर तुली हुई है।

हाल ही में पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ाया गया है,

और इससे पहले मोटर व्हीकल टैक्स और संपत्ति पंजीकरण के लिए कलेक्टर दरों में भी वृद्धि की गई है।

” बाजवा ने आरोप लगाया कि सरकार के ये कदम आम जनता को आर्थिक बोझ से लादने वाले हैं।

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Pratap Singh Bajwa ने यह लगाया आरोप

बाजवा ने यह भी आरोप लगाया कि

“आप सरकार अड़ियल रवैये के कारण केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में विफल रही है।

ग्रामीण विकास कोष, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और सर्व सिख अभियान के तहत करोड़ों रुपये पहले ही केंद्र सरकार द्वारा ब्लॉक किए जा चुके हैं।”

विपक्षी नेता ने बताया कि पंजाब में कई प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं

जो राज्य के सामाजिक-आर्थिक परिवेश को अच्छी तरह समझते हैं।

इसके बावजूद, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में भारत सरकार के पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन से सुझाव लेने का फैसला किया।

बाजवा ने कहा, “पंजाब के सीएम ने राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अपने राज्य के विशेषज्ञों की सलाह लेने के बजाय बाहरी सलाहकार को प्राथमिकता दी।”

बाजवा ने सरकार से आग्रह किया कि वे सर्वदलीय बैठक बुलाएं

और सभी दलों के नेताओं से इस आर्थिक संकट का समाधान निकालने के लिए सुझाव लें।

उनका मानना है कि यह कदम राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारने और सभी पक्षों को शामिल करने में सहायक होगा।

इस बीच, पंजाब सरकार के प्रवक्ताओं ने बाजवा के आरोपों पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया

और कहा कि सरकार राज्य के विकास और आर्थिक स्थिरता के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

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