विपक्ष ने पंजाब सरकार पर लगाए चुनावी हेरफेर के आरोप

Pratap Singh Bajwa

पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता Pratap Singh Bajwa ने आगामी 15 अक्टूबर को होने वाले पंचायत चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

उन्होंने कहा कि आप सरकार विपक्षी उम्मीदवारों को डराने और चुनाव में हेरफेर करने की कोशिश कर रही है।

बाजवा ने आरोप लगाया कि आप के विधायक और नेता मतदाताओं को चुनाव में भाग लेने से रोकने के लिए धमकी देने का काम कर रहे हैं।

पंजाब में तैनात डायरेक्टर कम्युनिकेशंस Navneet Wadhwa ने दिया इस्तीफा !

Pratap Singh Bajwa: नामांकन पत्र दाखिल करने में बाधा डालने के कई मामले

बाजवा ने कहा, “विपक्षी उम्मीदवारों के नामांकन पत्र दाखिल करने में बाधा डालने के कई मामले सामने आए हैं।

” उन्होंने जैतो विधायक अमोलक सिंह के एक वायरल वीडियो का जिक्र किया,

जिसमें विधायक एक गांव में मतदाताओं को खुलकर धमकी देते नजर आ रहे हैं।

इसके अलावा, उन्होंने फिरोजपुर जिले की एक गंभीर घटना का भी उल्लेख किया,

जहां एक आप नेता ने विपक्षी उम्मीदवारों को डराने के लिए गोलियां चलाईं।

उनका कहना है कि जालंधर जिले में भी विपक्षी उम्मीदवारों को पंचायत सचिवों

और खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों (बीडीपीओ) के हाथों उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।

बाजवा ने आरोप लगाया कि इन अधिकारियों पर आप विधायकों और स्थानीय नेताओं का दबाव है,

जिससे आप समर्थित उम्मीदवारों के लिए एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) तेजी से जारी की जा रही है,

जबकि अन्य उम्मीदवारों को लंबी देरी का सामना करना पड़ रहा है।

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में आप प्रतिनिधिमंडल

बाजवा ने पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में आप प्रतिनिधिमंडल द्वारा पंजाब राज्य चुनाव आयोग (पीएसईसी) के साथ आयोजित की गई बैठक की भी आलोचना की।

उन्होंने इसे मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए “मंचित” प्रयास करार दिया।

बाजवा ने स्पष्ट किया, “हास्यास्पद बैठकों के बजाय,

आप सरकार को अपने विधायकों और नेताओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए

जो चुनावी प्रक्रिया को कमजोर कर रहे हैं।” उन्होंने पीएसईसी से इन धमकाने की घटनाओं के खिलाफ तुरंत और कठोर कार्रवाई करने की अपील की।

कांग्रेस नेता के ये आरोप पंजाब में चुनावी माहौल को और गरमा सकते हैं,

जहां चुनावी प्रक्रिया को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस समय राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

बाजवा के बयान ने आप सरकार की चुनावी रणनीतियों पर सवाल उठाए हैं

और इससे चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर संदेह पैदा हुआ है।

बाजवा ने कहा कि यदि ऐसे ही हालात बने रहे, तो लोकतंत्र की मूल भावना को खतरा होगा।

उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया को सुरक्षित और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए सभी पक्षों को सहयोग करना चाहिए।

विपक्षी नेता ने चुनाव आयोग से भी आग्रह किया कि वह सुनिश्चित करे कि सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिले

और चुनावी प्रक्रिया में कोई भी हेरफेर न हो।

उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि लोकतंत्र की आवाज को दबाया न जाए और सभी उम्मीदवार अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें।”

इस तरह, बाजवा का यह बयान आगामी पंचायत चुनावों में राजनीतिक तापमान को बढ़ाने का संकेत दे रहा है।

अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग और पंजाब सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं और क्या चुनावी प्रक्रिया में सुधार होता है।