यह फैसला उस माहौल में लिया गया है जब पूरा देश पहलगाम की वादियों में फैली उस दहशत और मातम से उबरने की कोशिश कर रहा है, जहाँ 28 मासूम लोग आतंकवाद की बलि चढ़ गए। हमले की जिम्मेदारी TRF नामक आतंकी संगठन ने ली है, जो पाकिस्तान की सरज़मीं से संचालित होता है।
सरकार के फैसले के मुख्य बिंदु:
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27 अप्रैल से सभी प्रकार के पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए जाएंगे।
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मेडिकल वीजा सिर्फ 29 अप्रैल तक वैध रहेंगे।
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जिन नागरिकों के पास पहले से वीजा है, उन्हें 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ना होगा।
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नई वीजा आवेदनों की प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लगा दी गई है।
CCS की आपात बैठक में लिया गया फैसला
यह ऐलान ऐसे समय में हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की एक आपात बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में देश की सुरक्षा और कूटनीतिक दिशा को लेकर गंभीर विचार-विमर्श किया गया।
बैठक के बाद यह फैसला लिया गया कि पाकिस्तान को एक स्पष्ट, कठोर और असंदिग्ध संदेश देना आवश्यक है – कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ मौन नहीं रहेगा।
पहलगाम हमला: भारत के सब्र का अंत
22 अप्रैल को हुए हमले में TRF के आतंकियों ने घात लगाकर देश और विदेश से आए पर्यटकों को निशाना बनाया। यह हमला केवल मानवता के खिलाफ नहीं था, बल्कि भारत की सुरक्षा और संप्रभुता को सीधी चुनौती थी।
सरकार के इस ताजा फैसले को आतंकवाद के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” नीति का हिस्सा माना जा रहा है।
पाकिस्तान को मिला सख्त संदेश
भारत का यह कदम न सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति को स्पष्ट करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अब रिश्तों की बुनियाद सिर्फ संवाद पर नहीं, जिम्मेदारी पर भी होगी।
इस फैसले से यह भी साफ हो गया है कि आतंक को पालने-पोसने वाले मुल्कों के नागरिक अब भारत में उसी तरह नहीं घूम सकेंगे जैसे पहले करते थे।
“अब सिर्फ वार्ता नहीं, जवाब मिलेगा – भारत का संदेश साफ है!”
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