NEET PG 2025: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, डोमिसाइल कोटा अब खत्म!

NEET PG 2025 Supreme Court Decision
NEET PG 2025 Supreme Court Decision : NEET PG 2025 की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए सुप्रीम कोर्ट का एक अहम फैसला सामने आया है।
शीर्ष अदालत ने पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एडमिशन में डोमिसाइल कोटा (निवास स्थान के आधार पर आरक्षण) को असंवैधानिक करार दिया है।
कोर्ट ने कहा कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन करता है।

NEET PG 2025 Supreme Court Decision – सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

बुधवार, 29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि, “हम सभी भारत के डोमिसाइल हैं, अलग-अलग राज्यों के लिए अलग डोमिसाइल तय करना संविधान के खिलाफ है।
हमारे पास देश में कहीं भी शिक्षा प्राप्त करने, रहने और काम करने का अधिकार है।
ऐसे में पीजी मेडिकल कोर्स में राज्य के आधार पर आरक्षण देना गलत होगा।”

MBBS और अन्य मेडिकल कोर्स पर क्या असर पड़ेगा?

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह फैसला सिर्फ NEET PG यानी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एडमिशन पर लागू होगा।
MBBS और BDS जैसे अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में स्टेट कोटा लागू रहेगा, क्योंकि यह शुरुआती स्तर की पढ़ाई होती है।
लेकिन पीजी कोर्स विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार करने के लिए होते हैं, इसलिए इनमें डोमिसाइल कोटा रखना उचित नहीं है।

जो छात्र पहले से पढ़ रहे हैं, उनका क्या होगा?

कोर्ट ने कहा कि यह फैसला उन छात्रों पर लागू नहीं होगा जो पहले से पीजी मेडिकल कोर्स में दाखिला ले चुके हैं,
पढ़ाई कर रहे हैं या कोर्स पूरा कर चुके हैं। उनके भविष्य पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

NEET PG 2025 Supreme Court Decision – NEET में डोमिसाइल कोटा क्या होता है?

मेडिकल में एडमिशन के लिए पूरे देश में एक ही प्रवेश परीक्षा होती है – NEET। इसमें दो स्तर होते हैं:
1.NEET UG – MBBS और BDS जैसे अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए।
2.NEET PG – एमडी, एमएस जैसे पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए।
NEET में 15% सीटें ऑल इंडिया कोटा (AIQ) के तहत भरी जाती हैं, जबकि बाकी सीटों के लिए राज्यों द्वारा अपनी काउंसलिंग की जाती है। इस दौरान स्टेट कोटा लागू होता है, यानी उस राज्य के निवासी छात्रों को प्राथमिकता मिलती है।
लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद NEET PG में यह कोटा खत्म कर दिया गया है।

छात्रों पर इसका क्या असर पड़ेगा?

इस फैसले से वे छात्र लाभान्वित होंगे जो दूसरे राज्यों के टॉप मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेना चाहते थे, लेकिन डोमिसाइल कोटा की वजह से ऐसा नहीं कर पाते थे।
वहीं, उन छात्रों के लिए यह झटका हो सकता है जो अपने राज्य में आरक्षित सीटों के भरोसे पीजी मेडिकल एडमिशन की तैयारी कर रहे थे।

क्या अब नीट यूजी में भी बदलेगा नियम?

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने NEET UG (MBBS, BDS) में डोमिसाइल कोटा को अभी पूरी तरह असंवैधानिक नहीं ठहराया है,
लेकिन इस फैसले के बाद भविष्य में इस पर भी पुनर्विचार किया जा सकता है।
फिलहाल, UG स्तर पर स्टेट कोटा जारी रहेगा।