हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री Nayab Singh Saini की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के हालिया निर्णय के बाद हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग की अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण को विभाजित करने की रिपोर्ट की सिफारिशों को मंजूरी दे दी गई है।
यह कदम राज्य में समान अवसर सुनिश्चित करने और सरकारी सेवाओं में वंचित अनुसूचित जातियों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
समान अवसरों की आवश्यकता: Nayab Singh Saini
आयोग द्वारा किए गए समसामयिक अध्ययन में यह पाया गया
कि वंचित अनुसूचित जातियों का सरकारी सेवाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है,
जबकि अन्य अनुसूचित जातियों को उनके जनसंख्या अनुपात से अधिक लाभ मिला है।
इस असमानता को खत्म करने के लिए उप-वर्गीकरण की आवश्यकता बताई गई है,
जिससे सभी अनुसूचित जातियों को समान अवसर मिल सकें।
सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ के निर्णय के आधार पर,
सभी राज्यों को अनुसूचित जातियों के उप-वर्गीकरण की अनुमति दी गई है।
हरियाणा राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने इस दिशा में कार्यवाही की सिफारिश की है।
आरक्षण की नई श्रेणियाँ:
हरियाणा में अनुसूचित जातियों को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा: वंचित अनुसूचित जातियाँ (डीएससी)
और अन्य अनुसूचित जातियाँ (ओएससी)। इसमें चमार, जटिया चमार, बाल्मिकी, चूड़ा, भंगी, और अन्य जातियाँ शामिल होंगी।
सरकारी सेवाओं में सीधी भर्ती में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित 20 प्रतिशत कोटे में से 10 प्रतिशत कोटा वंचित अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित रहेगा।
यदि वंचित अनुसूचित जातियों के उपयुक्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं,
तो ही अन्य अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों को शेष रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए विचार किया जाएगा।
इसी तरह, अन्य अनुसूचित जातियों के लिए भी 10 प्रतिशत कोटा सुरक्षित रहेगा।
कॉमन मैरिट लिस्ट: Nayab Singh Saini
वंचित और अन्य अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों की अंतर-वरिष्ठता भर्ती एजेंसी द्वारा तैयार की गई कॉमन मैरिट लिस्ट के अनुसार होगी।
इससे भर्ती की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जाएगा।
सरकारी सेवाओं में इस नए आरक्षण के नियमों के तहत, हरियाणा में अलग-अलग रोस्टर अंक निर्धारित करने की आवश्यकता नहीं होगी।
यह निर्णय सरकारी सेवाओं में सभी वर्गों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
समय-समय पर अपडेट:
इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचनाओं के आधार पर समय-समय पर अनुसूचित जाति की सूची को अपडेट किया जाएगा,
जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी पात्र व्यक्तियों को लाभ मिल सके।