Rajouri Mein Rahasyamayi Bimari : बधाल गांव में रहस्यमयी बीमारी से 44 दिनों में 17 लोगों की मौत के बाद प्रशासन ने इसे कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है।
तीन परिवारों में हुई इन मौतों से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
स्थिति को देखते हुए अब गांव में भीड़ जुटने पर रोक लगा दी गई है और प्रभावित लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है।
Rajouri Mein Rahasyamayi Bimari – तीन बहनों की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
बुधवार को 16 से 22 साल की उम्र की तीन बहनों की अचानक तबीयत बिगड़ गई,
जिन्हें गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) राजौरी में भर्ती कराया गया।
इससे पहले मंगलवार को 25 वर्षीय एजाज अहमद भी बीमार पड़ा, जिसे पहले GMC जम्मू और फिर PGI चंडीगढ़ रेफर किया गया।
Rajouri Mein Rahasyamayi Bimari – गांव को तीन कंटेनमेंट जोन में बांटा गया
प्रशासन ने संक्रमण को रोकने के लिए बधाल गांव को तीन अलग-अलग कंटेनमेंट जोन में बांट दिया है—
1.पहला जोन: उन परिवारों के लिए, जिनमें मौतें हुई हैं। इन घरों को सील कर दिया गया है और बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है।
2.दूसरा जोन: उन लोगों के लिए, जो मृतकों के करीबी संपर्क में आए थे। इन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में क्वारंटीन किया गया है।
3.तीसरा जोन: गांव के सभी अन्य परिवारों के लिए। मेडिकल टीमें उनके खान-पान और स्वास्थ्य पर लगातार नजर रख रही हैं। प्रशासन की ओर से ही भोजन और पानी दिया जा रहा है।
क्या बीमारी नहीं, कोई साजिश? CM उमर अब्दुल्ला ने उठाए सवाल
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को गांव का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।
उन्होंने मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिया।
उमर ने कहा, “हमें इसका जवाब चाहिए कि आखिर ऐसा क्यों हुआ?
अगर यह कोई संक्रामक बीमारी होती तो पूरे गांव में फैलती, लेकिन ये मौतें केवल तीन परिवारों तक सीमित क्यों रहीं?”
इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) गठित की है और केंद्र सरकार ने भी विशेषज्ञों की एक टीम भेजी है।
न्यूरोटॉक्सिन की हुई पुष्टि, लेकिन जहर कहां से आया?
स्वास्थ्य मंत्री सकीना मसूद ने बताया कि अब तक किसी भी जांच में बीमारी का कोई निश्चित कारण नहीं मिला है।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने मृतकों के शरीर में न्यूरोटॉक्सिन (एक प्रकार का जहरीला तत्व) पाए जाने की पुष्टि की है।
सरकार ने इस रहस्य को सुलझाने के लिए ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, पुणे), NCDC (राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, दिल्ली),
DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन, ग्वालियर) और PGI चंडीगढ़ जैसी शीर्ष संस्थानों की मदद ली है।
गृह मंत्रालय ने बनाई इंटर मिनिस्ट्रियल टीम
गृहमंत्री अमित शाह ने इस रहस्यमयी मौतों की जांच के लिए एक इंटर मिनिस्ट्रियल टीम बनाने का आदेश दिया है।
यह हाई-लेवल टीम गांव पहुंच चुकी है और पूरे मामले की गहन जांच कर रही है।
टीम में स्वास्थ्य, कृषि, रसायन और जल संसाधन मंत्रालयों के विशेषज्ञ शामिल हैं।
इससे पहले 15 जनवरी को SSP गौरव सिकरवार के नेतृत्व में 11 सदस्यीय SIT गठित की गई थी,
जिसकी अध्यक्षता SP (ऑपरेशन) वजाहत हुसैन कर रहे हैं।
रहस्य बरकरार, सवालों के जवाब बाकी
राजौरी की इस घटना ने पूरे देश का ध्यान खींचा है। क्या यह कोई रासायनिक जहर है? या किसी साजिश का नतीजा?
क्या यह कोई नई रहस्यमयी बीमारी है? प्रशासन और विशेषज्ञों की जांच जारी है, लेकिन फिलहाल पूरे गांव में डर
और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।
सवाल अब भी वही है—आखिर राजौरी के इस गांव में हो क्या रहा है?