चंडीगढ़, 26 मई: मुंबई, जिसे भारत की आर्थिक राजधानी कहा जाता है, सोमवार की सुबह एक आपदा जैसी स्थिति के साथ जागी। तेज़ गर्जना, लगातार मूसलाधार बारिश और तेज़ हवाओं ने पूरे शहर को अस्त-व्यस्त कर दिया।
जहां एक ओर लोग अपने दैनिक कामकाज के लिए घर से निकलने की तैयारी में थे, वहीं दूसरी ओर आसमान से बरसी आफ़त ने जनजीवन की रफ्तार थाम दी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिन की शुरुआत में येलो अलर्ट जारी किया था, लेकिन मौसम की विकरालता को देखते हुए इसे दोपहर तक रेड अलर्ट में बदल दिया गया — जो किसी भी शहर के लिए एक गंभीर चेतावनी मानी जाती है।
उड़ानों और ट्रेनों पर भारी असर
इस विकट मौसम का सबसे सीधा असर हवाई यात्रा और रेल यातायात पर पड़ा। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाली और यहां उतरने वाली कुल 250 से अधिक उड़ानों में देरी हुई या उन्हें रद्द करना पड़ा। यात्रियों को कई घंटों तक हवाई अड्डे पर इंतजार करना पड़ा, जबकि कई उड़ानों को आखिरी समय पर स्थगित करना पड़ा।
इसके साथ ही, मुंबई की जीवनरेखा कही जाने वाली लोकल ट्रेन सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुईं। सेंट्रल, वेस्टर्न और हार्बर लाइनों पर ट्रेनों की गति काफी धीमी कर दी गई, जिससे ऑफिस जाने वाले हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, कुछ घंटे बाद इन सेवाओं में आंशिक सुधार की जानकारी दी गई।
शहर डूबा, गाड़ियाँ थमीं
बारिश के कारण शहर के निचले इलाके सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए। कुर्ला, सायन, दादर और परेल जैसे क्षेत्रों में सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया। वहाँ खड़ी गाड़ियाँ पानी में आधी डूबी नज़र आईं और ट्रैफिक पूरी तरह से ठप हो गया।
BMC (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) ने जानकारी दी कि शहर में जलभराव की स्थिति की निगरानी CCTV के ज़रिए की जा रही है। सायन सर्कल, दादर टीटी, हिंदमाता, वर्ली के बिंदुमाधव चौक और फाइव गार्डन्स जैसे स्थानों पर भारी जलभराव की पुष्टि की गई।
एक घंटे में 104 मिमी बारिश: नरिमन पॉइंट में रिकॉर्ड
IMD के अनुसार, सुबह 9 से 10 बजे के बीच नरिमन पॉइंट में एक घंटे के अंदर 104 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई — जो उस दिन का सबसे अधिक आंकड़ा रहा।
शहर के विभिन्न हिस्सों में बारिश की तीव्रता अलग-अलग रही।
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कोलाबा, ग्रांट रोड, मलाबार हिल और आसपास के क्षेत्रों में 60 से 86 मिमी तक बारिश हुई।
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वहीं पूर्वी उपनगरों, जैसे मानखुर्द और कलेक्टर कॉलोनी में अपेक्षाकृत कम, लगभग 13 से 16 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
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बांद्रा, खार, विले पार्ले जैसे पश्चिमी उपनगरों में बारिश का स्तर 22 से 29 मिमी के बीच रहा।
पेड़ गिरे, रास्ते बंद
बारिश के साथ चलीं तेज़ हवाएं सिर्फ पानी नहीं लाईं, बल्कि पेड़ भी गिरा दिए। BMC ने बताया कि शहर और उपनगरों में कुल 9 स्थानों पर पेड़ गिरने की घटनाएं दर्ज की गईं, जिससे कई रास्ते अस्थायी रूप से अवरुद्ध हो गए। हालांकि, राहत टीमों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए रास्तों को साफ़ करने का कार्य शुरू कर दिया।
प्रशासन सतर्क: अगले 48 घंटे भी भारी
BMC और राज्य प्रशासन ने बताया कि भले ही दोपहर बाद कुछ ट्रेनों की सेवाएं सामान्य हो गई हों, लेकिन अगले 24 से 48 घंटों के लिए भारी बारिश की आशंका अभी भी बनी हुई है। ऐसे में प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है, और लोगों को सलाह दी गई है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें।
मौसम विभाग ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी, रायगढ़ और सिंधुदुर्ग जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि मुंबई, ठाणे और पालघर में येलो अलर्ट लागू है। स्थिति को देखते हुए, राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन इकाइयां लगातार स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं।