सिरसा से लोकसभा MP Kumari Selja ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए
इसे चुनावी धोखाधड़ी का खुलासा बताया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की राजनीतिक जमीन पूरी तरह से खिसक चुकी है,
और सत्ता में बैठे लोगों को इसकी गहरी अनुभूति हो चुकी है।
इस डर के चलते भाजपा ने जानबूझकर शहरी निकायों के चुनावों से बचने की कोशिश की है।
Kumari Selja ने जोर देकर कहा
कुमारी सैलजा ने जोर देकर कहा कि प्रदेश के 8 नगर निगम, 4 नगर परिषद और 21 नगर पालिकाओं के निवासी चुनाव के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं।
लेकिन भाजपा सरकार ने इन चुनावों को टालने में पूरी तरह से नाकाम रही है।
कांग्रेस सत्ता में आते ही इन सभी लंबित चुनावों को प्राथमिकता पर आयोजित करेगी।
प्रदेश के 11 नगर निगमों में से केवल 3 नगर निगम – पंचकूला, अंबाला शहर और सोनीपत – वर्तमान में जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा चलाए जा रहे हैं।
मानेसर नगर निगम के चुनाव अब तक नहीं कराए गए हैं, जबकि गुड़गांव और फरीदाबाद नगर निगम का कार्यकाल समाप्त हुए काफी समय हो चुका है।
हिसार, पानीपत, रोहतक, यमुनानगर और करनाल नगर निगमों का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त हो रहा है।
नगर परिषदों और नगर पालिकाओं के चुनाव वर्षों से लटके हुए हैं।
कई जगहों पर तो वार्डबंदी का काम अभी भी अधूरा पड़ा है,
जिससे स्थानीय लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
सैलजा ने भाजपा सरकार पर लगाया यह भी आरोप
सैलजा ने भाजपा सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह जनप्रतिनिधियों के बजाय अधिकारियों के माध्यम से शहरों और गांवों की छोटी सरकार चला रही है।
पंचायत चुनावों में 21 महीने की देरी की गई थी और चुनाव के बाद भी ग्राम पंचायतों के अधिकार ई-टेंडरिंग के बहाने छीनने का प्रयास किया गया।
कुमारी सैलजा ने कहा कि नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं में चुने हुए
प्रतिनिधियों के बिना विकास कार्य ठप हो जाते हैं
और बजट भी फाइनल नहीं हो पाता। अधिकारी अपनी मर्जी से काम करते हैं,
जबकि चुने हुए पार्षद स्थानीय लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कार्य करते हैं।
पार्षदों के बिना शहरों का विकास सही ढंग से नहीं हो सकता।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सदी के विजन का भी किया उल्लेख
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सदी के विजन का भी उल्लेख किया।
राजीव गांधी ने पंचायती राज और नगर पालिका विधेयक के माध्यम से सत्ता के विकेंद्रीकरण का सपना देखा था।
उन्होंने लोक अदालतों के माध्यम से त्वरित न्याय दिलाने के प्रयासों को भी प्रमुखता से बढ़ावा दिया।
उनका मानना था कि सरकार में सहभागिता से समाज के वंचित और कमजोर वर्गों की स्थिति में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
कुमारी सैलजा के बयान ने भाजपा सरकार की शहरी निकाय चुनावों में घोटालेबाजी और लापरवाही की ओर इशारा करते हुए
कांग्रेस की ओर से एक जोरदार हमला किया है। कांग्रेस का कहना है कि सत्ता में आने के बाद, वह शहरी निकायों के चुनावों को प्राथमिकता के आधार पर आयोजित करेगी
और विकास के रास्ते को पूरी तरह से साफ करेगी। भाजपा की नाकामी और लापरवाही के खिलाफ यह एक बड़ा आक्रोश है,
और कांग्रेस इसे आगामी चुनावों में एक प्रमुख मुद्दा बनाने का इरादा रखती है।