महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा मोटापा और मूड स्विंग्स – एक छुपी बीमारी हो सकती है वजह, इन संकेतों को न करें नजरअंदाज!

चंडीगढ़, 11 जून: आज के समय में महिलाएं चाहे घर संभाल रही हों या ऑफिस – जिम्मेदारियों का बोझ दोनों ही जगह बढ़ा है। तनाव, भागदौड़, नींद की कमी और अनियमित दिनचर्या के बीच जब शरीर संकेत देने लगता है, तो अक्सर उसे नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अचानक वजन बढ़ना, हर समय थकान महसूस करना, मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन – ये सब थायरॉइड की बीमारी के संकेत हो सकते हैं?

थायरॉइड क्या है और यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

गले के ठीक सामने, तितली के आकार की एक छोटी-सी ग्रंथि होती है – थायरॉइड। यह शरीर के मेटाबॉलिज़्म यानी ऊर्जा के उत्पादन और उपयोग को नियंत्रित करती है। यह ग्रंथि दो मुख्य हार्मोन – T3 (Triiodothyronine) और T4 (Thyroxine) बनाती है, जो पूरे शरीर की गतिविधियों को संतुलित रखने में मदद करते हैं। लेकिन जब इस ग्रंथि का काम गड़बड़ हो जाए, तो असर आपके शरीर, मन और जीवनशैली पर साफ दिखने लगता है।

महिलाएं क्यों ज्यादा होती हैं थायरॉइड की शिकार?

महिलाओं में हार्मोनल बदलाव की वजह से थायरॉइड की समस्या पुरुषों की तुलना में कई गुना अधिक पाई जाती है। इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं:

  • प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज़ के दौरान हार्मोन का असंतुलन

  • ऑटोइम्यून बीमारियां, जैसे हाशिमोटो डिज़ीज

  • आयोडीन की कमी

  • पारिवारिक इतिहास यानी अगर घर में किसी को थायरॉइड है

दो प्रकार की थायरॉइड समस्या – हाइपो और हाइपर

  1. हाइपोथायरॉइडिज़्म (Hypothyroidism) – इसमें थायरॉइड हार्मोन की कमी हो जाती है। यह महिलाओं में सबसे आम है।

  2. हाइपरथायरॉइडिज़्म (Hyperthyroidism) – इसमें यह ग्रंथि जरूरत से ज्यादा हार्मोन बनाने लगती है, जिससे शरीर की गति असामान्य रूप से बढ़ जाती है।

थायरॉइड के लक्षण – जिन्हें नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी

हाइपोथायरॉइड (थायरॉइड की कमी) के सामान्य लक्षण:

  • बिना ज्यादा खाए तेजी से वजन बढ़ना

  • हर समय थकावट, आलस और ऊर्जा की कमी

  • चिड़चिड़ापन और मूड में अचानक बदलाव

  • ठंड अधिक लगना, यहां तक कि गर्मियों में भी

  • त्वचा का सूखना, बालों का झड़ना

  • मासिक धर्म में गड़बड़ी – अनियमित या अधिक ब्लीडिंग

  • याददाश्त कमजोर होना, बातें भूल जाना

हाइपरथायरॉइड (थायरॉइड की अधिकता) के लक्षण:

  • तेज़ धड़कन, घबराहट

  • खाने के बावजूद वजन तेज़ी से घटना

  • नींद न आना

  • मांसपेशियों में कमजोरी, हड्डियों में दर्द

  • नाखून और बाल कमजोर होना

मोटापा और चिड़चिड़ापन – केवल तनाव नहीं, थायरॉइड भी हो सकता है जिम्मेदार

आजकल कई महिलाएं वजन बढ़ने की शिकायत करती हैं, और इसे डाइट या एक्सरसाइज़ की कमी से जोड़ देती हैं। लेकिन अगर वजन तेजी से बढ़ रहा हो, साथ ही बार-बार मूड खराब हो रहा हो, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आ रहा हो – तो यह थायरॉइड असंतुलन का सीधा संकेत हो सकता है।

थायरॉइड की जांच कैसे होती है?

थायरॉइड की सटीक पहचान के लिए ब्लड टेस्ट कराना जरूरी है:

  • TSH (Thyroid Stimulating Hormone)

  • T3 और T4 हार्मोन लेवल

अगर TSH का स्तर सामान्य से ज्यादा या कम हो, तो डॉक्टर स्थिति के अनुसार इलाज शुरू करते हैं।

इलाज संभव है – बस देर न करें

  • हाइपोथायरॉइड के लिए सिंथेटिक हार्मोन (जैसे लेवोथायरॉक्सिन) की दवा दी जाती है।

  • हाइपरथायरॉइड के लिए एंटी-थायरॉइड दवाएं, रेडियोआक्टिव आयोडीन या सर्जरी की सलाह दी जा सकती है।

इलाज पूरी तरह संभव है, लेकिन इसके लिए समय रहते पहचान ज़रूरी है।

थायरॉइड से बचाव और नियंत्रण – अपनाएं ये आदतें

  • संतुलित और आयोडीन युक्त भोजन लें – जैसे दही, नमक, मछली, केला।

  • रोजाना 30 मिनट व्यायाम – चलना, योग या स्ट्रेचिंग।

  • तनाव से दूर रहें – मेडिटेशन, ब्रेथिंग एक्सरसाइज़ मददगार हैं।

  • पूरी नींद लें – 7–8 घंटे की नींद शरीर को थायरॉइड संतुलन में मदद करती है।

  • हर 6 महीने में जांच कराएं, खासकर अगर परिवार में थायरॉइड की हिस्ट्री हो।