चंडीगढ़, 17 जून: देशभर में मानसून का आगमन पूरी रफ्तार पकड़ चुका है। जैसे ही बादलों की गड़गड़ाहट और पहली बारिश की फुहारें धरती पर पड़ीं, वैसे ही मौसम ने अपना रूप पूरी तरह से बदल लिया। भारत के कई हिस्सों में बारिश की शुरुआत ने गर्मी से राहत तो दी है, लेकिन साथ ही कई क्षेत्रों में मौसम ने अपना रौद्र रूप भी दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग द्वारा जारी किया गया अलर्ट इस बात का संकेत है कि आने वाले कुछ दिन बेहद सावधानी बरतने वाले होंगे।
देश के किन राज्यों में भारी बारिश का खतरा मंडरा रहा है?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 17 से 20 जून के बीच देश के दक्षिणी, मध्य, पूर्वी और उत्तर भारत के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश का अनुमान जताया गया है। इनमें कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है, साथ ही तेज हवाएं और आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना है। इसलिए सभी प्रभावित क्षेत्रों के नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
दक्षिण भारत: हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी बारिश
तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम जैसे दक्षिण भारतीय क्षेत्रों में 17 से 19 जून के दौरान बादल जमकर बरस सकते हैं। साथ ही केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, माहे और लक्षद्वीप में गरज-चमक के साथ भारी बारिश होने की चेतावनी दी गई है। इन क्षेत्रों में तेज हवाएं 40-50 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकती हैं, जो जनजीवन और यातायात को प्रभावित कर सकती हैं।
गुजरात और महाराष्ट्र: 4 दिन का बारिश अलर्ट
गुजरात, कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में 17 जून से लेकर 20 जून तक लगातार बारिश की संभावना है। इन क्षेत्रों में बादलों के साथ तेज गरज और तूफानी हवाएं चल सकती हैं। हवाओं की गति 30-40 किमी/घंटा तक हो सकती है, जिससे पेड़ों के गिरने और बिजली व्यवस्था प्रभावित होने का खतरा बढ़ सकता है।
पूर्वी भारत: आंधी, बिजली और भारी बारिश का दौर
बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के मैदानी क्षेत्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी अगले 24 से 48 घंटे के भीतर तेज आंधी और बारिश का दौर शुरू हो सकता है। कई स्थानों पर बिजली गिरने की आशंका है। स्थानीय प्रशासन ने जलभराव, पेड़ गिरने और यातायात में रुकावट जैसे संभावित खतरों को देखते हुए आवश्यक सावधानियां बरतने की अपील की है।
राजधानी दिल्ली और एनसीआर: 50-60 किमी/घंटा की रफ्तार से चल सकती हैं हवाएं
दिल्ली-एनसीआर में पिछले कुछ दिनों से मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। बादलों की आवाजाही लगातार बनी हुई है। मौसम विभाग ने 19 जून तक यहां ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। इसके तहत हल्की से मध्यम बारिश और 50 से 60 किमी/घंटा तक तेज हवाओं के चलने की संभावना जताई गई है। आज शाम तक हल्की बारिश होने के आसार हैं।
हिमालयी राज्य भी सतर्क: हिमाचल और उत्तराखंड में मानसून सक्रिय
उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों—हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी मानसून की सक्रियता तेज़ हो चुकी है। मौसम विभाग के अनुसार, हिमाचल में 20 जून के बाद भारी बारिश का दौर शुरू हो सकता है। उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है।
बारिश का असर – राहत और सावधानी दोनों की जरूरत
जहां यह बारिश कृषि के लिए संजीवनी साबित हो सकती है, वहीं दूसरी ओर जलभराव, पेड़ गिरने, बिजली कटौती, यातायात बाधा और तूफानी हवाओं के चलते लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर असर पड़ सकता है। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और बाहर यात्रा करने वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
इन राज्यों में विशेष सावधानी जरूरी
इन राज्यों में भारी बारिश और तूफानी हवाओं की आशंका सबसे अधिक है:
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केरल
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तमिलनाडु
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कर्नाटक
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गोवा
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महाराष्ट्र
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गुजरात
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मध्य प्रदेश
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छत्तीसगढ़
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ओडिशा
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पश्चिम बंगाल
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झारखंड
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बिहार
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सिक्किम
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उत्तराखंड
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हिमाचल प्रदेश
सरकारी और प्रशासनिक स्तर पर अपील
स्थानीय प्रशासन को भी सलाह दी गई है कि जलभराव, पेड़ों की कटाई, तूफान और बिजली के खतरों से निपटने के लिए पहले से तैयार रहें। आपात सेवाएं पूरी तरह सतर्क रहें और नागरिकों को सूचनाएं समय-समय पर भेजी जाएं।
सावधानी ही सुरक्षा है: बारिश के दौरान ध्यान रखें ये बातें
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अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें
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तेज हवाओं के समय बिजली के खंभों और पेड़ों के नीचे खड़े न हों
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मोबाइल चार्ज रखें और अलर्ट पर ध्यान दें
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बच्चों और बुजुर्गों को घर में ही रखें
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छत पर रखी ढीली चीज़ें सुरक्षित कर लें
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स्थानीय प्रशासन की एडवाइजरी को फॉलो करें