हरियाणा में Heatwaves का बढ़ा खतरा, उपायुक्त ने जारी की जरूरी एडवाइजरी!

DC Monika Gupta

चंडीगढ़, 11 जून: गर्मी का मौसम इस बार अपने पूरे तेवर में है और तापमान लगातार उच्च स्तर पर बना हुआ है। लू यानी ‘हीट वेव’ से लोगों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने एक अहम एडवाइजरी जारी की है। उपायुक्त श्रीमती मोनिका गुप्ता ने जनता से अपील की है कि वे इस एडवाइजरी का पूरी गंभीरता से पालन करें ताकि बढ़ती गर्मी और लू के खतरों से खुद को और अपने परिवार को बचाया जा सके। उनका कहना है कि “इलाज से बेहतर है बचाव” और लू के मामले में यह बात पूरी तरह सटीक बैठती है।

हीट वेव क्या है और इससे कौन ज्यादा प्रभावित होता है?

लू, जिसे वैज्ञानिक भाषा में “हीट वेव” कहा जाता है, तब होती है जब वातावरण का तापमान सामान्य से काफी ज्यादा बढ़ जाता है और गर्म हवाएं शरीर पर विपरीत प्रभाव डालती हैं। खासतौर पर दोपहर के समय जब सूरज अपनी चरम स्थिति पर होता है, तब लू लगने का खतरा सबसे अधिक होता है। इससे सबसे ज्यादा खतरा बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, बीमार व्यक्तियों, खुले में काम करने वाले मजदूरों और धूप में घूमने वाले लोगों को होता है। खेल-कूद करने वाले खिलाड़ी और स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राएं भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।

गर्मी और लू से बचाव के जरूरी उपाय

उपायुक्त ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि वे निम्नलिखित उपायों को अपनाएं:

  1. ताजा मौसम की जानकारी रखें – रेडियो, टीवी, समाचार पत्र या मोबाइल एप्स के माध्यम से मौसम के ताजा अपडेट लेते रहें।

  2. हल्के रंग के ढीले और सूती कपड़े पहनें – इससे शरीर को हवा लगती रहती है और तापमान नियंत्रित रहता है।

  3. सिर को ढककर रखें – छतरी, हैट या गमछे का उपयोग जरूर करें।

  4. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं – चाहे प्यास न भी लगी हो, फिर भी हर थोड़ी देर में पानी पीते रहें।

  5. ओआरएस और घरेलू पेय का सेवन करें – जैसे छाछ, नींबू पानी, लस्सी, तोरानी (चावल का मांड) आदि।

  6. बच्चों को वाहनों में अकेला न छोड़ें – बंद वाहन में तापमान बहुत तेजी से बढ़ सकता है, जो खतरनाक हो सकता है।

  7. नंगे पांव बाहर न निकलें – गर्म सतह से पैरों को नुकसान पहुंच सकता है।

  8. काम के दौरान बीच-बीच में आराम करें – विशेषकर खेतों, निर्माण स्थलों पर काम करने वाले लोग छाया में समय बिताएं।

  9. जंक फूड से बचें – घर का बना हल्का व पौष्टिक खाना, सलाद, हरी सब्जियां, और ताजे फल खाएं।

  10. दोपहर 12 से 3 बजे तक घर के अंदर रहें – यही समय सबसे ज्यादा लू के खतरे वाला होता है।

बुजुर्गों की देखभाल पर दें विशेष ध्यान

गर्मी के मौसम में बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग जल्दी प्रभावित हो सकते हैं। उपायुक्त ने बताया कि ऐसे लोगों की दिन में कम से कम दो बार जांच जरूर करें – उनका हालचाल पूछें, उन्हें ठंडक देने की कोशिश करें, उनके शरीर को गीला कपड़ा रखकर या स्नान कराकर ठंडा रखें। यदि किसी को तेज बुखार, चक्कर, उल्टी, सांस लेने में दिक्कत या सीने में दर्द जैसी परेशानी हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

पालतू जानवरों को गर्मी से बचाना भी उतना ही जरूरी

उपायुक्त ने यह भी कहा कि हमारे पालतू जानवर भी गर्मी और लू से प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए उनका भी ध्यान रखना आवश्यक है। इसके लिए कुछ आवश्यक उपाय निम्नलिखित हैं:

  • उन्हें हमेशा छाया में रखें और खूब सारा ताजा पानी दें।

  • अगर घर के अंदर रखना संभव नहीं है तो ऐसे स्थान पर रखें जहां दिनभर छाया बनी रहे।

  • पानी के लिए दो बर्तन रखें ताकि एक खाली हो जाए तो दूसरा काम आ सके।

  • उनका खाना धूप में न रखें।

  • किसी भी स्थिति में जानवर को बंद कार या छोटे कमरे में न रखें।

  • उन्हें गर्म सड़क या रेत पर न चलाएं। सुबह या शाम को ही टहलाने ले जाएं।

  • उनके आसपास हमेशा स्वच्छ और ठंडी जगह उपलब्ध होनी चाहिए।

हीट स्ट्रोक के लक्षण पहचानें और सतर्क रहें

अगर किसी को लू लग जाए तो शरीर में निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं:

  • तेज सिरदर्द

  • चक्कर आना या बेहोशी

  • मितली या उल्टी

  • शरीर का तापमान अचानक बहुत बढ़ जाना

  • अत्यधिक पसीना आना या पसीना बिल्कुल बंद हो जाना

  • त्वचा का लाल और गर्म होना

  • भ्रम की स्थिति

ऐसी स्थिति में तुरंत व्यक्ति को ठंडी जगह पर लाएं, कपड़े ढीले करें, शरीर को गीले तौलिये से ठंडा करें, ओआरएस या नींबू पानी दें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।