चंडीगढ़, 7 मई: देश की सुरक्षा व्यवस्था को परखने और आपदा की स्थिति में नागरिकों की तत्परता की जांच करने के उद्देश्य से आज यानी मंगलवार को एक बड़ी और अभूतपूर्व मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। इस अभ्यास का आयोजन ऐसे वक्त पर हो रहा है जब देश हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की त्रासदी से उबर रहा है।
आज शाम 4 बजे, शहर के 22 प्रमुख स्थलों पर सायरन बजेगा, जो एक हवाई हमले या अन्य आपात स्थिति की चेतावनी का संकेत होगा। इसके कुछ ही घंटों बाद, ब्लैकआउट यानी पूरे इलाके में एक नियोजित बिजली कटौती की जाएगी, ताकि वास्तविक संकट की स्थिति का अभ्यास किया जा सके।
इन क्षेत्रों में बजेंगे सायरन और होगा ब्लैकआउट
मॉक ड्रिल के तहत जिन इलाकों को चुना गया है, वे हैं:
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शास्त्री नगर
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चांदपोल पावर हाउस
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चौगान स्टेडियम
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एमआई रोड स्थित बीएसएनएल कार्यालय
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घाटगेट सेंट्रल जेल
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राजभवन
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सचिवालय
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आमेर (जोरावर सिंह गेट)
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एमएनआईटी
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बजाज नगर
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दुर्गापुरा
…और अन्य आसपास के क्षेत्र
इन इलाकों में लोग सायरन की आवाज सुनते ही अलर्ट मोड में आ जाएंगे, और सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अधिकारियों के निर्देशों के अनुसार व्यवहार करेंगे।
ब्लैकआउट अभ्यास: अंधेरे में होगी तैयारियों की परख
ड्रिल के दूसरे और बेहद महत्वपूर्ण चरण में रात्रिकालीन ब्लैकआउट शामिल है। जैसे ही अंधेरा गहराएगा, चुने गए इलाकों में बिजली गुल कर दी जाएगी। इसका मकसद यह देखना है कि नागरिक बिना बिजली के स्थिति में कितना समन्वय बना सकते हैं, कैसे संवाद कायम रख सकते हैं और खुद को और दूसरों को सुरक्षित रख सकते हैं।
यह ब्लैकआउट सिर्फ अभ्यास है, लेकिन इसमें दिखाया जाएगा कि संकट के समय नागरिकों की जागरूकता और प्रशासन की प्रतिक्रिया कितनी कारगर है।
मॉक ड्रिल में क्या-क्या होगा? मुख्य गतिविधियाँ:
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सायरन की लाइव टेस्टिंग: यह जांचा जाएगा कि नागरिक किस तरह तुरंत अलर्ट होते हैं।
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भीड़ नियंत्रण और मार्गदर्शन: हमले जैसी स्थिति में लोगों को सही दिशा में ले जाने की रणनीति।
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ब्लैकआउट का अभ्यास: बिजली बंद होने पर सुरक्षा कैसे बनाए रखें।
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आपात योजना की समीक्षा: सरकारी और निजी संस्थानों की तैयारी की जांच।
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जरूरी संसाधनों की जानकारी: जैसे टॉर्च, मोमबत्ती, प्राथमिक उपचार किट आदि।
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आपात सेवाओं का प्रदर्शन: फायर ब्रिगेड, मेडिकल टीम, सिविल डिफेंस और NDRF की तत्परता की जाँच।
पृष्ठभूमि: पहलगाम हमले के बाद बढ़ाई गई सतर्कता
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुआ आतंकी हमला, जिसमें कई निर्दोष नागरिक मारे गए, ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। इसके बाद केंद्र सरकार ने देशभर में सुरक्षा और आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखने का फैसला लिया। यह मॉक ड्रिल उसी दिशा में एक ठोस कदम है।
प्रशासन रहा चौकस, उच्चस्तरीय बैठकें हुईं आयोजित
मॉक ड्रिल की तैयारी को लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय में एक समीक्षा बैठक भी आयोजित हुई, जिसमें मुख्य सचिव सुधांश पंत, संभागीय आयुक्त पूनम, आईजी अजय पाल लांबा, और NDMA, NDRF, फायर विभाग, सिविल डिफेंस समेत कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए।
नागरिकों से अपील: सहयोग करें, घबराएं नहीं
प्रशासन ने शहरवासियों से अपील की है कि इस मॉक ड्रिल को वास्तविक आपदा न समझें, बल्कि इसे एक महत्वपूर्ण अभ्यास के रूप में लें। नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे सायरन बजने पर सतर्क रहें, अफवाहों से बचें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।