Mission Jeevanjyot Punjab: पंजाब सरकार ने समाज के सबसे संवेदनशील वर्ग—बेसहारा और भीख मांगने वाले बच्चों—के कल्याण के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए मिशन जीवनजोत और अन्य बाल संरक्षण योजनाओं के तहत 15.95 करोड़ रुपये जारी किए हैं। यह जानकारी सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने दी।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार ने बच्चों को भीख मांगने और बाल श्रम से बचाने के लिए 08 जुलाई 2024 से मिशन जीवनजोत की शुरुआत की है। यह मिशन जिला स्तरीय टास्क फोर्स की सहायता से चलाया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को बचाकर उन्हें शिक्षा और पुनर्वास के माध्यम से मुख्यधारा में शामिल करना है।
Mission Jeevanjyot Punjab : 268 बच्चों को बचाया गया, पुनर्वास की प्रक्रिया जारी
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि मिशन जीवनजोत अभियान के तहत अब तक 268 बच्चों को भीख मांगने की स्थिति से बाहर निकाला गया है। इन बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और मानसिक समर्थन प्रदान किया जा रहा है।
“बचपन को भीख और शोषण से बचाना हमारी प्राथमिकता है। हम इन बच्चों को सम्मानजनक जीवन देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं,”– डॉ. बलजीत कौर
07 सरकारी और 39 गैर-सरकारी होम बच्चों की देखभाल में जुटे
पंजाब सरकार ने जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन) एक्ट 2015 के तहत राज्य में:
•07 सरकारी चिल्ड्रन होम
•39 गैर-सरकारी होम
पंजीकृत किए हैं, जहां अनाथ, बेसहारा और परित्यक्त बच्चों को आश्रय, पोषण, शिक्षा और सुरक्षा दी जा रही है।
गुरदासपुर और मलेरकोटला में दो नए बाल गृह स्थापित करने की योजना भी जल्द पूरी होने वाली है, ताकि और अधिक बच्चों को सुरक्षा और देखभाल मिल सके।
मिशन जीवनजोत के तहत लागू योजनाएं
1.बाल भिक्षावृत्ति मुक्त अभियान
•विशेष टीमों द्वारा भीख मांगने वाले बच्चों की पहचान और बचाव।
•बच्चों को पुनर्वास केंद्रों में ले जाकर आवश्यक सहायता।
2.शैक्षणिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण
•बच्चों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ा जाता है।
•14 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए जाते हैं।
3.परिवार पुनर्मिलन और सामाजिक समावेश
•जहां संभव हो, बच्चों को उनके परिवारों के साथ पुनः जोड़ने का प्रयास।
•परिवार को आर्थिक और मानसिक रूप से सक्षम बनाने की पहल।
4.सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम
•बच्चों की भिक्षावृत्ति रोकने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए जागरूकता अभियान।
•बाल अधिकारों की जानकारी देने के लिए स्कूलों, पंचायतों और शहरी इलाकों में विशेष कार्यक्रम।
बाल शोषण की सूचना दें, 1098 पर कॉल करें
डॉ. बलजीत कौर ने राज्यवासियों से अपील की कि यदि उन्हें कहीं भी कोई बच्चा भीख मांगते या बाल श्रम में लिप्त दिखे तो तुरंत इसकी सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर दें।
उन्होंने कहा,“बाल अधिकारों की रक्षा हम सभी का नैतिक कर्तव्य है। पंजाब सरकार और सामाजिक सुरक्षा विभाग हर बच्चे को सुरक्षित और सम्मानजनक भविष्य देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
Mission Jeevanjyot Punjab : वित्तीय प्रबंधन और आगामी योजनाएं
मिशन जीवनजोत के लिए जारी की गई 15.95 करोड़ रुपये की राशि को निम्नलिखित कार्यों में उपयोग किया जाएगा:
•बच्चों के पुनर्वास और आश्रय गृहों के रखरखाव।
•पुनर्वास केंद्रों में सुविधाओं का विस्तार।
•बाल अधिकार संरक्षण के लिए जागरूकता कार्यक्रम।
इसके अलावा, पंजाब सरकार अगले वित्तीय वर्ष में इस योजना के विस्तार के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटित करने की योजना बना रही है।
‘मिशन जीवनजोत’ का दीर्घकालिक लक्ष्य
1.पंजाब को बाल भिक्षावृत्ति मुक्त बनाना।
2.हर बेसहारा बच्चे को सुरक्षित आश्रय, शिक्षा और सम्मानजनक जीवन देना।
3.समाज में बाल अधिकारों को लेकर व्यापक जागरूकता फैलाना।
4.स्थानीय प्रशासन, पुलिस और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर काम करना।
Mission Jeevanjyot Punjab : बचपन को संवारने की पहल
पंजाब सरकार का यह कदम न केवल बाल भिक्षावृत्ति और बाल श्रम को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि यह समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश भी देता है—
“हर बच्चा भविष्य का आधार है, और उनका बचपन संजोना हम सबकी जिम्मेदारी है।”
मिशन जीवनजोत के माध्यम से पंजाब सरकार बच्चों को उनके अधिकार, सुरक्षा और सम्मान लौटाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है।