तनाव हो सकता है माइग्रेन का कारण, स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानिए इससे कैसे बचें?

Migraine From Stress : माइग्रेन एक गंभीर और जटिल प्रकार का सिरदर्द है, जो अक्सर कई घंटों से लेकर कई दिनों तक रह सकता है.

यह सिर्फ सिरदर्द नहीं है; इसमें अन्य लक्षण भी शामिल हो सकते हैं.

Migraine From Stress :  माइग्रेन का कारण

इस बीमारी के बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता,  लेकिन खान-पान में गड़बड़ी और कुछ शारीरिक शिकायतें इस बीमारी को बढ़ावा देती हैं.

तला हुआ और भारी भोजन भी दर्द का कारण बन सकता है.

थायरॉयड ग्रंथि में खराबी के कारण भी यह रोग हो सकता है.

इसका बहुत सारा संबंध तनाव से है.

इसलिए तनाव से बचना जरूरी हो जाता है.

जो लोग मानसिक गतिविधियों में अधिक व्यस्त रहते हैं उनमें इस विकार से पीड़ित होने की संभावना अधिक होती है.

माइग्रेन से पीड़ित लोगों में ये लक्षण आम हैं – धड़कन, उल्टी, पीला चेहरा, आंखों के सामने अंधेरा, चक्कर आना, पसीना आना और बार-बार पेशाब आना.

इससे कैसे बचें

माइग्रेन के दौरे के समय रोगी को बिना तकिये के सीधा लेटना चाहिए.

माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति रोशनी बर्दाश्त नहीं कर सकता.

इसलिए उसे अंधेरे कमरे में सीधा लेटना चाहिए.

इस स्थिति में यदि सिर, पीठ के निचले हिस्से और कंधों की मालिश की जाए तो रोगी को आराम मिलता है.

यदि रोगी को लगे कि उसके सिर में बहुत तेज और असहनीय दर्द हो रहा है तो उसके सिर पर ठंडे पानी की पट्टियां रखें.

ये स्ट्रिप्स सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकती हैं.

अगर माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति तनाव में है तो उसे अपने मन की बात किसी और को बता देनी चाहिए.

नहीं तो उसे सिरदर्द से राहत नहीं मिलेगी.

अगर किसी व्यक्ति को भीड़-भाड़ और शोर-शराबे वाले माहौल में माइग्रेन अटैक की आशंका हो

तो उसे ऐसी जगहों पर जाने से बचना चाहिए.

यदि रोगी को आंखों की किसी बीमारी के कारण माइग्रेन का दर्द हो.

तो उसे किसी नेत्र विशेषज्ञ से आंखों की जांच करानी चाहिए.

Rajnish Sharma:

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