चंडीगढ़, 24 फरवरी: हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती भारतीय समाज की सबसे बड़ी धरोहर हैं, जिन्होंने सामाजिक समानता, महिला शिक्षा और राष्ट्र की एकता के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया।
उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद ने सती प्रथा, छुआछूत और समाज में व्याप्त आडंबरों के खिलाफ आवाज उठाई और समाज में जागरूकता फैलाने का काम किया। उनके प्रयासों से भारतीय समाज में एक नई सामाजिक क्रांति आई।
नरवाना में आयोजित हुआ जन्मोत्सव एवं बोध उत्सव
कैबिनेट मंत्री नरवाना के आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित महर्षि दयानंद सरस्वती जन्मोत्सव एवं बोध उत्सव में शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ महर्षि दयानंद सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया।
आर्य समाज ने दिया समानता और समरसता का संदेश
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना कर सामाजिक समानता और समरसता को बढ़ावा दिया। उन्होंने अनाथालयों और विधवा आश्रमों की स्थापना कर जरूरतमंदों की सहायता की और कन्या शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए अपना जीवन समर्पित किया।
महर्षि दयानंद ने अपने संदेश में कहा कि –
✅ ‘ओम’ सबसे बड़ा धर्म है।
✅ वैदिक संस्कृति सबसे बड़ी सभ्यता है।
✅ हिन्दी एक पवित्र भाषा है।
✅ आर्यावर्त (भारत) हमारी सबसे बड़ी पहचान है।
महर्षि दयानंद ने समाज सुधार के लिए किया संघर्ष
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि महर्षि दयानंद को समाज सुधार के लिए कई संघर्षों से गुजरना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने विचारों से समाज में शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा दिया। आर्य समाज ने समाज को कई शिक्षाविद और विद्वान दिए, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए, जिससे आने वाली पीढ़ियों को भारत के महापुरुषों, संतों और ऋषि-मुनियों के बारे में जानकारी मिल सके।
इस अवसर पर आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के पदाधिकारी, विद्यालय के शिक्षकगण, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।