प्रयागराज में आयोजित MahaKumbh 2025 ने मकर संक्रांति के अवसर पर भव्यता और आस्था का अनुपम संगम प्रस्तुत किया।
बुधवार को त्रिवेणी संगम पर 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई।
कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था।
गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम तट पर ‘हर हर महादेव’ और ‘जय श्री राम’ के गगनभेदी जयघोषों से वातावरण गुंजायमान हो गया।
MahaKumbh 2025 – श्रद्धालुओं का अनुभव
उत्तर प्रदेश के बस्ती निवासी 62 वर्षीय निबर चौधरी ने पहली बार संगम में डुबकी लगाई।
उन्होंने कहा, “यह अनुभव अत्यंत आत्मिक और आनंदमय था।
” उनके साथ आए शिवराम वर्मा ने प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की सराहना की।
लखनऊ की नैंसी और कानपुर के विजय कठेरिया जैसे अन्य श्रद्धालु भी मेले में की गई सुविधाओं और सुरक्षा प्रबंधों से संतुष्ट नजर आए।
MahaKumbh 2025 – मकर संक्रांति पर अमृत स्नान
मंगलवार को विभिन्न अखाड़ों के संतों ने पारंपरिक हथियारों और अद्वितीय प्रदर्शन के साथ पहला अमृत स्नान किया।
साधु-संतों ने भालेबाजी, तलवारबाजी और डमरू बजाने जैसे अद्भुत प्रदर्शन किए,
जो सदियों पुरानी परंपराओं को जीवंत करते हैं।
नागा साधुओं और महिला नागा सन्यासियों की भी भारी उपस्थिति रही, जिन्होंने श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित किया।
प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने विस्तृत प्रबंध किए हैं। संगम तट पर पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात है
और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
पर्याप्त शौचालय, साफ पानी, स्वास्थ्य सेवाएं और ट्रैफिक प्रबंधन ने आयोजन को सुगम बनाया।
आयोजन की अवधि
महाकुंभ मेला 26 फरवरी तक जारी रहेगा, जिसमें विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होंगे।
आने वाले दिनों में और भी बड़े स्नान पर्व आयोजित किए जाएंगे, जिसमें करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
महाकुंभ 2025 श्रद्धा, परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर का अनुपम उदाहरण है,
जहां आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है।