धमाल भरा आगाज: नगाड़े की थाप पर रंग-बिरंगे शिल्प मेले का जादू

Chandigarh National Crafts Mela

Chandigarh National Crafts Mela : चंडीगढ़ के कलाग्राम में इस बार का 14वां राष्ट्रीय शिल्प मेला कला, संस्कृति और उत्साह की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

“रिद्म ऑफ इंडिया” और “कलर ऑफ इंडिया” थीम के साथ यह आयोजन दर्शकों के लिए एक शानदार अनुभव बन गया।

उद्घाटन समारोह में पंजाब के गवर्नर और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने नगाड़ा बजाकर मेले का शुभारंभ किया।

Chandigarh National Crafts Mela : कलाग्राम में लोक संस्कृति की धड़कन

राज्यपाल के आगमन पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों और लोक कलाकारों के प्रदर्शन ने माहौल को जीवंत कर दिया।

उन्होंने मेले में लगाए गए पत्थर की कलाकृतियों और राशि चिन्हों की सराहना करते हुए कलाकारों के प्रयासों को सराहा।

उन्होंने कहा, “हमारी जिम्मेदारी है कि हर कलाकार को उनका हक और सम्मान मिले।”

रंग और रिद्म का जादू

मेले में 51 वाद्य यंत्रों की खास संगीतमय प्रस्तुति “रिद्म ऑफ इंडिया” के रूप में पेश की गई,

जिसका निर्देशन उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के फुरकान खान ने किया।

इसके बाद 14 राज्यों के लोक नृत्यों की भव्य प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

“कलर ऑफ इंडिया” थीम पर आधारित इन नृत्यों को प्रसिद्ध कोरियोग्राफर सुशील शर्मा ने तैयार किया था।

Chandigarh National Crafts Mela : कंवर ग्रेवाल के सुरों का जलवा

शाम का आकर्षण रहे सूफी गायक कंवर ग्रेवाल, जिन्होंने अपने गीतों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

“नचना पैंदा है”, “मस्तां दे वेड़े” और “छल्ला” जैसे उनके गीतों ने दर्शकों को थिरकने पर मजबूर किया।

अपनी प्रस्तुति के बाद ग्रेवाल ने कहा, “खुला मंच हमेशा एक गायक को श्रोताओं से बेहतर जुड़ने का मौका देता है।

ऐसे आयोजनों में संगीत की आत्मा बसती है।”

लोक कला साधकों का सम्मान

इस मेले में लोक कला साधकों को भी उनकी अद्वितीय प्रतिभा के लिए सम्मानित किया गया।

राजस्थान की तेरहताल कलाकार दुर्गा देवी, हिमाचल प्रदेश के बालक राम ठाकुर, पंजाब के देस राज लचकानी,

और जम्मू-कश्मीर की गुजरी गायिका बेगम जान को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया।

इन कलाकारों को ₹2.5 लाख नकद, शाल और सम्मान पट्टिका भेंट की गई।

पहली बार, युवा प्रतिभाओं के लिए दो विशेष अवॉर्ड भी दिए गए,

जिसमें हरियाणा के मनोज जाले और उत्तराखंड के सुधांशु बिष्ट को ₹1 लाख नकद पुरस्कार प्रदान किया गया।

विरासती सड़क और हस्तशिल्प का आकर्षण

मेले में बनाई गई “विरासती सड़क” ने दर्शकों का ध्यान खींचा। यहां विभिन्न राज्यों के हस्तशिल्प और स्थानीय कला को प्रदर्शित किया गया।

पत्थर की नक्काशी, रंग-बिरंगी कलाकृतियां, और पारंपरिक हस्तशिल्प की प्रदर्शनियों ने कला प्रेमियों को दीवाना बना दिया।

30 नवंबर के आकर्षण

मेले के दूसरे दिन पंजाबी गायक गुरनाम भुल्लर अपनी प्रस्तुति देंगे।

इसके अलावा, दिनभर लोक कला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहेगी।

संस्कृति और कला का यह संगम न केवल कलाकारों को सम्मान देता है,

बल्कि दर्शकों को भारत की विविधता और परंपरा से भी रूबरू कराता है।

चंडीगढ़ का यह मेला कला प्रेमियों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं।