Lok Sabha elections: पटियाला की सियासी पिच पर दिखेगी मोदी-कैप्टन की नई साझेदारी, रैली में नजर आएंगे चुनावी रंग

Lok Sabha Elections: पहली बार पंजाब में, BJP ने शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के साथ अपने गठबंधन को तोड़कर चुनावी मैदान में कदम रखा है। इस बार, BJP अपनी कप्तानी में पंजाब की सभी 13 सीटों पर अन्य राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों से मुकाबला कर रही है। एक समय प्रधानमंत्री Narendra Modi पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के साथ गठबंधन में सत्ता में थे।

अब BJP बादल परिवार के साथ खड़ी होने की बजाय खुद कप्तान बन गई है। पंजाब की राजनीतिक पिच वही है, बस अब BJP के ओपनिंग बल्लेबाज की जोड़ी बदल गई है। पंजाब में, Narendra Modi राजनीतिक पिच पर पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के साथ ओपनिंग बल्लेबाज के रूप में आते थे, लेकिन अब Modi-कैप्टन की नई साझेदारी राजनीतिक पिच पर दिखेगी। नई राजनीतिक समीकरणों के साथ नए चुनावी रंग भी दिखाई देंगे। 23 मई को, पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पहली बार Narendra Modi के साथ एक बड़ी रैली में मंच साझा करेंगे।

जब कैप्टन ने सितंबर 2022 में BJP ज्वाइन की, तो राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई कि अब पंजाब में Modi-बादल नहीं, बल्कि Modi-कैप्टन की जोड़ी काम करेगी। BJP जो हिंदुत्व की बात करती है, हमेशा पंजाब में एक सिख चेहरे की तलाश में रही है। यही कारण है कि BJP अब कैप्टन अमरिंदर सिंह को निशाना बना रही है, जिनके पास सिख चेहरा है और अपनी खुद की पहचान भी है।

PM का पंजाब की पांच सीटों पर पहला ध्यान

प्रधानमंत्री Narendra Modi गुरुवार को राज्य में Lok Sabha Elections के संबंध में पटियाला में पहली रैली को संबोधित करेंगे और पंजाब के विज़न के बारे में बात करेंगे। PM इस एक रैली से पंजाब की पांच सीटों पर निशाना साधने की तैयारी कर रहे हैं। बता दें कि पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर पटियाला से चुनाव लड़ रही हैं। PM न केवल पटियाला सीट पर निशाना साधेंगे बल्कि फतेहगढ़ साहिब, संगरूर, फरीदकोट और बठिंडा सीटों पर भी इस रैली के माध्यम से निशाना साधेंगे। यही कारण है कि इन पांच सीटों के उम्मीदवार भी पटियाला की चुनावी रैली में मौजूद रहेंगे।

सैनिकों, किसानों और आतंकवाद पर Modi का हमला

Narendra Modi पटियाला रैली में सैनिकों, किसानों और आतंकवाद से संबंधित राष्ट्रीय मुद्दों पर हमला करेंगे। इसके अलावा, PM विपक्षी दलों की नीतियों और वादों पर भी सवाल उठाएंगे। हालांकि, जब किसानों का आंदोलन पंजाब में चरम पर है, तो यह रैली Narendra Modi और BJP दोनों के लिए कुछ हद तक चुनौतीपूर्ण है। अब देखना यह है कि इस रैली को जनता से कितना समर्थन मिलता है।

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