Lok Sabha elections: पंजाब में उग्रवादियों को मिले वोट चिंताजनक, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

Lok Sabha elections: पंजाब में उग्रवादियों को मिले वोट चिंताजनक, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

Lok Sabha elections: पंजाब की दो संसदीय सीटों पर खालिस्तान समर्थकों की एकतरफा जीत और कई Lok Sabha सीटों पर उग्रवादियों के बढ़े वोट शेयर ने चिंता बढ़ा दी है। पाकिस्तान की सीमा से लगे इस प्रदेश में दो संसदीय सीटों के अप्रत्याशित नतीजों और 11 सीटों पर उग्रवादियों के बढ़े वोट शेयर को देखते हुए केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस जनादेश के कई संदेश हैं। उग्रवादी ताकतों को बढ़ावा देने वाले तत्वों की भी खोज शुरू हो गई है। जेल से Election लड़ने वाले खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और इंदिरा गांधी के हत्यारे के बेटे सरबजीत सिंह खालसा की जीत के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं।

पंजाब ने 1980-1990 के दशक में खालिस्तान की मांग को लेकर उग्रवाद का दर्दनाक दौर देखा है। बेशक अब खालिस्तान आंदोलन पूरी तरह से खत्म हो चुका है, लेकिन इसे पुनर्जीवित करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत सिंह मान द्वारा पंजाब की लगभग सभी Lok Sabha सीटों पर खड़े किए गए उम्मीदवारों को कई Lok Sabha क्षेत्रों में काफी वोट मिले हैं, जिससे सुरक्षा एजेंसियों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। पंजाब की पाकिस्तान के साथ 553 किमी की सीमा है। इसलिए, केंद्रीय खुफिया एजेंसियां पंजाब में उग्रवादी गतिविधियों पर विशेष नजर रख रही हैं।

1989 में नौ उग्रवादी जीते थे

1989 के Lok Sabha Elections में पहले भी सिमरनजीत मान सहित नौ उग्रवादी विचारधारा वाले उम्मीदवार जीते थे। इनमें रोपड़ से जीतने वाली सरबजीत सिंह की मां बिमल कौर भी शामिल थीं। हालांकि, 1992 के विधानसभा और फिर Lok Sabha Elections में अकाली दल और बीजेपी के उम्मीदवारों के मैदान में होने के कारण, कांग्रेस के अलावा, उग्रवादी विचारधारा वाले उम्मीदवारों को लंबे समय तक जनता का समर्थन नहीं मिला।

अमृतपाल सिंह-सरबजीत खालसा की जीत

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब संसदीय सीट पर कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,120 वोटों के अंतर से हराकर पंजाब में सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। फरिदकोट में सरबजीत खालसा ने आम आदमी पार्टी के करमजीत सिंह को 70,053 वोटों से हराया। दोनों ने पहली बार Election जीता है। दोनों उग्रवादी नेता खालिस्तान समर्थक हैं।

Lok Sabha elections: पंजाब में उग्रवादियों को मिले वोट चिंताजनक, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

अमृतपाल सिंह को 4,04,430 वोट मिले। सरबजीत सिंह को 2.98 लाख वोट मिले। उग्रवादी विचारधारा वाले सिमरनजीत मान ने भले ही संगरूर से Lok Sabha Election हार गए हों, लेकिन उनके या अन्य उग्रवादी विचारधारा समर्थकों द्वारा तीन दशक पहले शुरू किए गए अभियान की छाया पंजाब में एक बार फिर दिखाई दे रही है। फरिदकोट से जीतने वाले सरबजीत सिंह के पिता ने दरबार साहिब पर हमले का बदला लेने के नाम पर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की थी। अमृतपाल सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं।

सिमरनजीत मान ने 2022 उपElection जीता

2022 में, संगरूर Lok Sabha उपElection के दौरान इस उग्रवादी विचारधारा का माहौल एक बार फिर देखा गया। जब अकाली दल ने पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआना की बहन को टिकट दिया, और सिमरनजीत मान ने जीत दर्ज की। इसके बाद, उग्रवादी विचारधारा का प्रसार बढ़ा, जिसे अमृतपाल की गतिविधियों के रूप में देखा गया। हालांकि अमृतपाल सिंह वर्तमान में जेल में हैं, लेकिन जेल में रहते हुए खडूर साहिब से Lok Sabha Election जीतने के कई संकेत मिल रहे हैं।

रिटायर्ड आईजी का बयान – पंजाब में अशांति नहीं फैलाई जा सकती

रिटायर्ड आईजी सुरिंदर कालिया का कहना है कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी हमेशा किसी न किसी तरीके से राज्य में अशांति फैलाने और उग्रवादियों की मदद करने की कोशिश करती रहती है, लेकिन पंजाब पुलिस एक बहादुर और मजबूत बल है। पंजाब में किसी भी कीमत पर अशांति नहीं फैलाई जा सकती।

Leave a Reply